मध्य प्रदेश के सिंगरौली में एक आदिवासी परिवार के साथ अमानवीय व्यवहार ने एक बार फिर भाजपा सरकार को शर्मसार कर दिया है। जिला अस्पताल में बैगा जनजाति के एक परिवार के दो बच्चों की भूख और बीमारी से मौत तो हुई ही, लेकिन इसके बाद अस्पताल ने भी परिवार के साथ अमानवीय बरताव करते हुए उसे जमीन पर रखकर खाना दिया गया।
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पूरा मामला जिस परिवार से संबंधित है, उसके दो बच्चों- 3 साल की सीमा और 4 साल के सुरेंद्र को भुखमरी के बाद तबीयत बिगड़ने पर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। डॉक्टरों ने इलाज की औपचारिकता शुरू की लेकिन दोनों को बचाया नहीं जा सका।
भूख से पीड़ित परिवार ने दोनों बच्चों को तो खो दिया लेकिन भूख से छुटकारा उसे नहीं मिल पाया और न ही शासन-प्रशासन ने इस पर कोई ध्यान नहीं दिया। जब अस्पताल की ओर से खाना बँटने लगा तो भूख और दुख से पीड़ित परिजनों को कुछ आस बँधी। अस्पताल के कर्मचारियों ने परिवार को भोजन दिया भी लेकिन वह किसी बर्तन में नहीं, बल्कि जमीन पर रखकर ही दिया, जिसके लिए परिवार ने जमीन पर एक फटी सी पॉलीथीन बिछा ली थी।
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इसी तरह का एक मामला, एक और भाजपाशासित राज्य झारखंड के सबसे बड़े गवर्नमेंट हॉस्पिटल रांची इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (रिम्स) में सामने आया था, जहाँ एक महिला मरीज को फर्श पर खाना परोसे जाने की घटना हुई थी। जमीन पर रखा खाना खाती महिला की तस्वीरों ने राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा की फजीहत कराई थी, लेकिन उससे सबक नहीं लिया गया, और भाजपा के ही शासन वाले मध्य प्रदेश में भी ऐसी ही शर्मसार करने वाली घटना हो गई।
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