एनकाउंटर को लेकर पुलिस के दावों को झुठलाती ये 5 महत्वपूर्ण बातें कैसे नज़र अंदाज करें ?

मध्य प्रदेश पुलिस द्वारा 8 सिमी सदस्यों को मारे जाने को लेकर सरकार लामबंद नज़र आ रही है। जहां एक और मध्य प्रदेश की जेल मंत्री कह रही है कि सिमी के लोगों को मार गिराने के लिए हमारी तारीफ होनी चाहिए।

वहीं दूसरी और सरकार में केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि भोपाल जेल से भागे 8 सिमी कार्यकर्ताओं के कथित एनकाउंटर से देश का मनोबल बढ़ेगा और जनता में विश्वास बढ़ेगा कि ‘हम सुरक्षित हैं।’

सरकार सीमा सुरक्षा की तरह ही देश की आंतरिक सुरक्षा के अपने खुद के तरीके पर फर्क महसूस कर रही है। एनकाउंटर को लेकर जो मुख्य बिन्दु सामने आए है उनसे जाहिर होता है कि कहीं कुछ छिपाया जा रहा है। मध्य प्रदेश पुलिस की इस कार्यवाही को संदेह के घेरे में लाने वाले कुछ वाजिब सवाल।

Photo: Jansatta
Photo: Jansatta

ऊंची जेल की दीवार कैसे फांद ली गई?
पुलिस का दावा है उन लोगों ने ऊंची जेल की दीवार को फांदा जिसके लिए उन्होंने जेल से मिली अपनी चादरों सेे रस्सी को बनाया। एक कैदी को कितनी चादरें दी जाती होंगी? अगर एक भी दी जाती हो तो आठ होती हैं। चादर से बनी रस्सी को दीवार पर कहां अटकाया होगा? ऊंची दीवारों पर कैसे चादर को अटकाया गया होगा? चादरों को रस्सी बनाकर कैदी फरार हो गए।

 
बैरक कैसे तोड़ा होगा?
कैदियों ने बैरक भी तो तोड़ी होगी? कैसे तोड़ी? क्या वो कोठरी इतनी कमजोर बनी हुई थी कि वो तोड़कर आसानी से भागा जा सकता था। किसी तरह की कोई आवाज नहीं। क्या पूरी जेल में पुलिस इतनी लापरवाह हो रही थी कि उसको मालूम ही कि जेल की कोठरी में क्या चल रहा है। भोपाल की इस जेल को अति सुरक्षित माना जाता है। गुणवत्ता के लिए इस जेल को आईएसओ 9001-2015 प्रमाणपत्र हासिल है।
 
कैदियों के भागने के सीसीटीवी फुटेज कहां है?
जिस जेल को अपनी गुणवत्ता के लिए आईएसओ 9001-2015 प्रमाणपत्र हासिल हो वहां बिना सीसीटीवी कैमरों के काम हो ही नहीं सकता। अगर ये घटना हुई हो तो कैदियों के स्वभाविक भागने की फुटेज एक अहम सबूत बन सकता है। लेकिन इस पर अभी से मध्यप्रदेश की जेल मंत्री ने बयान देना शुरू कर दिया है कुसुम मेहदाले ने एनडीटीवी से बातचीत में यह भी कहा, मैं मानती हूं कि कुछ कमियां रह गईं… हो सकता है, जेल में लगे कुछ सीसीटीवी कैमरे काम न कर रहे हों… वे लोग जेल की दीवार पर चढ़ने में कैसे कामयाब हुए, मैं नहीं जानती?
 
पुलिस ने भागे गए कैदियों को जिन्दा क्यों नहीं पकड़ा
पुलिस कह रही है कि हमने अपनी आत्मरक्षा में उनको मारा वो हम पर फायरिंग कर रहे थे। ये बयान आईजी भोपाल का है।  इस बयान पर संदेह उत्पन करता है कि फरार हुए लोगों को आधुनिकतम हथियार कहाँ से और किससे प्राप्त हुए? क्या जेल से निकलते ही उनको हथियार सप्लाई कर दिए गए।
 
तस्वीरों में दिखा कैदियों के पहनावा जेल में नहीं दिया जाता है
एनकाउंटर के बाद जो तस्वीरें सामने आई उसमें घड़ी, जूते और बेल्ट दिखें। इस पर एआईएमआईएम के प्रमुख और सांसद असदुद्दीन ओवैसी मुठभेड़ पर सवाल उठाते हुए कहा, “डेड बॉडी देखकर पता लगता है कि जेल से भागे कैदियों ने जूते, घड़ी और बेल्ट जैसी चीजें पहनी हुई हैं। वहीं, जब किसी भी आरोपी का ट्रायल होता है तो उसे जेल में ऐसी चीजें पहनने की इजाजत नहीं होती है। उन्होंने कहा कि यह बड़े ही आश्चर्य की बात है कि जेल से फरार हुए इन लोगों ने ऐसे सामान पहने हुए थे जो उन्हें जेल में नहीं मिलते।”
 
अभी सरकार की तरफ से इस कार्यवाही के पुख्ता साक्ष्य पेश नहीं किए गए है लेकिन अगर सरकार की तरफ से कुछ आया है तो देश का मनोबल बढ़ाने और जनता में विश्वास बढ़ेगा कि ‘हम सुरक्षित हैं जैसी बातों का प्रचार।

Courtesy: Janta ka Reporter

Trending

IN FOCUS

Related Articles

ALL STORIES

ALL STORIES