गौरक्षा के नाम पर गुण्डागर्दी, वसूली

बजरंगियों द्वारा लूटपाट, हाथापाई एवं अपहरण की कोशिश . जनसंगठनों ने की निन्दा ,कड़ी कार्यवाही की मांग

जयपुर.


Image Courtesy: Catchnews

पंचायत समिति राजसमन्द तथा जिला प्रशासन द्वारा आयोजित कुंवारिया पशु मेले (ग्राम पंचायत कुंवारिया, पंचायत समिति राजसमन्द में लगाया जाने वाला मेला) से रात्रि को (भारतीय समयनुसार मध्य रात्रि के बाद सुबह के लगभग 1 बजे 3 अक्टूबर 2016 ) 6 बैल बंजारा समुदाय के लोग खरीदकर अपने गाँव ला रहे थे जब यह गाडी गरासिया बंजारों का खेडा (भामखेडा) ग्राम पंचायत पीपली डोडियान पंचायत समिति रेलमगरा जिला राजसमन्द में पहुंची तो बजरंग दल और शिवसेना के गौरक्षा के नाम पर गुंडागर्दी करने वालों ने बैलों से भरी हुई गाडो को रोका और बंजारा समुदाय के लोगों से 5 हजार रुपये की मांग की. जब इन लोगों ने पैसा देने से इंकार कर दिया कि ‘पैसे किस बात के’ तब इन फर्जी गौ रक्षकों ने सबसे पहले तो जिस गाडी में ये बैल लाये गए थे उसके सभी कांच तोड़ दिए और आगे की हेड लाइट फोड़ दी. उसके बाद में इन समाजकंटकों ने बैल खरीदकर लाये सभी बंजारों को पीटना शुरू किया जिनमें गोरु बंजारा, रायसिंह को इतना पीटा कि उसका तो हाथ ही टूट गया जिसकी हड्डी टूटी है और जगदीश को उन्होंने एक धारदार हथियार जिसे कुंथ कहते से मारा उसके भी चोटें आईं हैं. ये गुंडे इतने पर ही नहीं रुके गोरु बंजारा को गर्दन पर कुंथ रखकर कहा कि कुछ भी बोला तो गर्दन काट डालेंगे और मोटर साइकिल पर पटककर ले गए जिसे रास्ते में आये गाँव भामाखेडा के लोगों ने छुड़वाया. ये सभी लूटपाट व मारपीट बजरंग दल के इकाई अध्यक्ष फुकिया निवासी जगदीश एवं  रतनलाल अहीर व 15 अन्य गुंडों ने की.

राजसमंद जिले के रेलमगरा पंचायत समिति के गरासिया बंजारों के खेडा में फर्जी गौरक्षकों द्वारा की गई यह एकमात्र घटना नहीं है राजस्थान के विभिन्न कोनों में इस तरह के घटनाएँ हो रही है और गौरक्षा के नाम पर बहुत लोग कहीं चौथवसूली कर रहे हैं कहीं पर लोगों की पिटाई कर रहे हैं और कहीं पर तो इस स्थिति तक लोगों को मारा गया है कि उनकी जान पर बन आई है.

इसलिए राजस्थान के सभी जन संगठन यह मांग करते हैं कि:-

1.      इस मामले में दोषी सभी 15 जो फरार हैं सहित सभी 17 गुंडों को गिरफ्तार किया जाये.

2.      ये सभी अपराधी बजरंग दल और शिवसेना जैसे संगठनों से जुड़े हुए हैं इसलिए इनके खिलाफ शिकायत दर्ज करवाने के कारण बंजारों के गाँव और शिकायत दर्ज कराने वालों पर ये कभी कभी हमला कर सकते हैं इसलिए गरासिया बंजारों के खेडा को सुरक्षा मुहैया कराई जाये.

3.      बंजारा समुदाय परंपरागत रूप से बैलों व अन्य पशुओं का व्यापार करता आ रहा है और  बजरंग दल और अन्य संगठनों के लोग इनसे चौथवसूली, लूटपाट व मारपीट करके समय-समय पर प्रताड़ित करते रहते हैं. बंजारा समुदाय घुमंतू समुदाय है जो आर्थिक रूप से पिछड़ा है. एक तरफ सरकार पशु मेले आयोजित करती है और दूसरी तरफ ये गुंडे पशु खरीदने वालों को इस प्रकार प्रताड़ित करते हैं इसलिए इस प्रकार के लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये.

4.      राज्य सरकार पुलिस को इस बारे में विशेष हिदायत दे कि जहाँ पर इस प्रकार के लोगों के द्वारा लूटपाट और चौथवसूली की जाये उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो जिससे ये गाय के नाम पर आतंक नहीं फैला सकें.

कविता श्रीवास्तव, निखिल डे, शंकर सिंह, भंवर मेघवंशी, पारस बंजारा, मुकेश निर्वासित, कमल टांक एवं अन्य सभी साथी

( राजस्थान के जन संगठनों की ओर से )

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