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गौरक्षक ही थे मेवात में गैंगरेप करने वाले : पीड़िता का आरोप

मेवात में 24 अगस्त को गैंगरेप की शिकार हुई दो महिलाओं के साथ ये घृणित वारदात करने वाले गौरक्षक ही थे। एक पीड़ित महिला ने बताया है कि गैंगरेप करने वालों ने उनसे कहा था कि उन्हें गौमांस खाने की सज़ा दी जा रही है।


मेवात गैंगरेप की पीड़िता बहनें    Image: Amar Ujala


24 अगस्त को मेवात के डिंगरहेड़ी गाँव में कुछ गुंडों ने एक परिवार के घर में जबरन घुसकर उत्पात मचाया था और 20 तथा 14 वर्ष की दो लड़कियों के साथ गैंगरेप किया था। लड़कियों के मामा-मामी को गुंडों ने बाँधकर पिटाई की जिससे दंपति की मौत हो गई थी।

हालाँकि, पुलिस पूरे मामले के गौरक्षकों से संबंधित होने से लगातार इन्कार कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी तो यहाँ तक कह रहे हैं कि पीड़ितों ने भी अपने बयान में गौरक्षकों का नाम नहीं लिया है। राज्य सरकार ने मामले की जाँच सीबीआई से करने की सिफारिश कर दी है।
 
सामाजिक कार्यकर्ता शबनम हाशमी के साथ दिल्ली में गैंगरेप पीड़िता ने बताया, "वे लोग पूछ रहे थे कि क्या तुम लोग गौमांस खाती हो। हमने इन्कार किया लेकिन वे कहते रहे कि तुम लोग गौमांस खाते हो, इसलिए तुम्हारी यही सजा है।"
हरियाणा पुलिस ने मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया है। घटना के बाद से ही मेवात इलाके में तनाव फैला हुआ है।
 
पिछले कुछ महीनों में ऐसी कई घटनाएँ हुई हैं, जिनमें गौरक्षक दलों ने जानवरों की तस्करी रोकने के नाम पर कई लोगों पर हमले किए हैं। जून में एक वाहन के चालक को गौमांस ले जाने के आरोप में पीटा गया था। गौरक्षकों की ही शिकायत पर मेवात में बिरयानी की दुकानों पर पुलिस सैंपल लेकर उनमें गौमांस होने की जाँच करवा रही है।

हरियाणा में गौहत्या, गौमांस बेचना और रखना कानूनी जुर्म है और ऐसा करने पर दस साल तक का कारावास और एक लाख से पाँच लाख रुपए तक का जुर्माना का प्रावधान है।

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