केंद्रीय मंत्री और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने जातिगत आरक्षण पर कटाक्ष करते हुए कहा है कि गरीब की कोई जाति नहीं होती। महाराष्ट्र में दो दिन की राज्य कार्यसमिति के समापन सत्र में मुंबई में श्री गडकरी ने विपक्षी दलों पर राजनीतिक लाभ के लिए जाति की राजनीति को बढ़ाने का आरोप लगाते हुए ये बात कही।
श्री गडकरी ने कहा, “कुछ नेताओं ने सरकार में रहते हुए जातियों की भलाई के लिए कुछ नहीं किया, और अब सत्ता से हटने पर उन्हें जाति याद आ रही है।"
मराठा आरक्षण आंदोलन में महाराष्ट्र में भाजपा नेतृत्व की सरकार बुरी तरह से घिरी हुई है, लेकिन श्री गडकरी ने इसकी अनदेखी करते हुए कहा कि भाजपा का रवैया एकदम स्पष्ट है, और वह गरीबों का उत्थान चाहती है ताकि किसी को आरक्षण की ज़रूरत न रहे।
एनसीपी नेता शरद पवार मराठा आंदोलन को लेकर राज्य सरकार की आलोचना कर चुके हैं। उन्होंने कहा है कि मराठा आंदोलन सरकार के खिलाफ असंतोष का नतीजा है।
राज्य में 32 फीसदी आबादी वाला मराठा अपने लिए आरक्षण की मांग कर रहा है, साथ ही अनुसचित जाति जनजाति अत्याचार निरोधक अधिनियम की समीक्षा की मांग भी कर रहा है। देवेंद्र फड़नवीस सरकार इस मामले में कोई फैसला नहीं कर पा रही है। भाजपा नेताओं ने आरोप लगाया है कि एनसीपी मराठा आंदोलन को भड़का रही है। राज्य कार्यसमिति की बैठक में श्री गडकरी ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार ने पंडित दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती वर्ष, 2016 को निर्धन कल्याण वर्ष के रूप में मनाने का ऐलान किया है क्योंकि गरीबों की कोई जाति नहीं होती।
हालाँकि राज्य कार्यसमिति में भाजपा ने आरक्षण मुक्त देश के लिए प्रतिबद्धता जताई लेकिन उसने मराठा आरक्षण की मांग का भी समर्थन किया और इस बारे में औपचारिक प्रस्ताव भी पारित किया है।