जूनागढ़। गुजरात दलित उत्पीड़न का केंद्र बनकर सामने आ रहा है। उना कांड के बाद से लगातार दलित उत्पीड़न की खबरें सामने आ रही हैं। जिस गुजरात मॉडल को विकास के लिए प्रचारित किया गया। इसके पीछे छिपी दलित विरोधी कुल्सित मानसिकता की खबरें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। दलितों को जरा-जरा सी बात पर दलितों को निशाना बनाया जा रहा है। उनका सामाजिक बहिष्कार किया जा रहा है।
अब जूनागढ़ के जुजारपुर गांव की एक घटना सामने आई है। यहां 5 नवंबर को सुबह 8:30 बजे के लगभग दलित वकील और सामाजिक कार्यकर्ता सुनील धोलिया 4 दलित समेत 6 दलितों पर जानलेवा हमला हुआ। यह हमला जूनागढ़ के भाजपा के विधायक राजेश चूड़ासमा के नजदीकी 12 लोगों ने किया। हमलावरों में नारण जेठा चूड़ासमा, भरत वीरा पंडित शामिल थे।
इन लोगों ने दलितों को गांव छोड़कर भाग जाने की भी धमकी दी है। साथ ही कहा है कि अगर गांव नहीं छोड़ा तो दलितों की बस्ती में आग लगा देंगे। इससे अन्य दलित परिवार भी दहशत में हैं।
दरअसल जुज़ारपुर गाँव में दलितों का बहिष्कार किया जाता है और उनसे छुआछूत का बर्ताव किया जाता है। गाँव में दलितों को पीने का पानी भी नहीं मिलता। दलित युवा सुनील ने जब अत्याचार के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाई तो उसका मुँहबंद करने के लिए गाँव के सवर्णों ने जानलेवा हमला किया। इस हमले में सवर्ण दरिंदों ने महिलाओं को भी नहीं बख्शा।
चोरवाड पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कराने के बावजूद पुलिस कुछ नहीं कर रही। हमला करने वाले लोग भाजपा विधायक राजेश चूड़ासमा के संरक्षण में खुलेआम घूम रहे हैं। दलितों के बहिष्कार के ख़िलाफ़ सुनील ने कलेक्टर और मामलतदार में पिछले दो साल से कई याचिकाएँ भेजीं पर कोई जवाब नहीं मिला।
इनपुट- सम्राट बौद्ध, गुजरात
Courtesy: National Dastak