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गुजरात: दलित आंदोलन का दम, भाजपा सरकार को देनी पड़ी दलितों को जमीन

अहमदाबाद। पिछले लगभग तीन दशकों से अपनी जमीन के लिए गुजरात का दलित समुदाय लड़ाई लड़ रहा था। राज्य की सरकार के कान में जूं तक नहीं रेंग रही थी। लेकिन एक दिन पहले ही यानि 5 जनवरी 2017 गुरुवार को गुजरात सरकार ने अहमदाबाद जिले के धोलका तहसील के सरोदा गांव और धंधुका तहसील के 115 दलितों को लगभग 250 बीघा की जमीन पर कब्जा दे दिया। इसके बाद बाकि लोगों को भी जमीनों पर कब्जा दिया जाएगा।

Gujarat Dalits
 
यह यूं ही नहीं हुआ इसके लिए दलित समुदाय तीन दशकों से लड़ाई लड़ रहा था लेकिन असर दिखाया है वर्तमान समय में हो रहे दलित आंदोलन ने। गुजरात के उना कांड के बाद जिस तरह से पूरे देश भर में दलित समुदाय एकत्र हुए हैं और अपने हक की लड़ाई के लिए आंदोलन कर रहे हैं उसने सरकार की जड़ें हिला कर रख दी हैं। आग में घी का काम किया है युवा दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने। जिग्नेश मेवाणी ने दलित समुदाय में दंभ भरने का काम किया है।
 
आपको बता दें कि गुजरात सरकार ने कुछ साल पहले लैंड सीलिंग एक्ट के तहत ली गई जमीन को भूमिहीन दलितों में बांटने की योजना बनाई थी। अहमदाबाद की धंधुका तहसील में साल 1984 में 21 सौ एकड़ जमीन का कागजों में आवंटन भी किया गया, लेकिन लाभार्थियों को जमीन नहीं मिली। गुरुवार को धंधुका तहसील के सैकड़ों दलित जमीन दिलाने की मांग को लेकर अहमदाबाद में प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी से भी मिले थे।
 
दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने प्रदर्शनकारियों को संबोधित करते हुए कहा था कि वाईब्रेंट गुजरात सम्मेलन में सरकार के साथ करार करने वाले औद्योगिक घरानों को ताबड़तोड़ जमीन दी जाती है, लेकिन दलितों को कानून होने के बावजूद जमीन का हक़ नहीं मिल रहा।
 
मेवाणी ने कहा था कि जहां-जहां जमीन का आवंटन दलितों को सिर्फ कागजों पर हुआ है वहां, 7 दिनों के भीतर दलितों को जमीन भी दी जानी चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी थी कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो राज्यभर के दलित इकट्ठा होकर 10-11 जनवरी को होने जा रहे वाईब्रेंट गुजरात सम्मेलन का विरोध करेंगे।
 
इसके बाद राजस्व अधिकारियों ने जमीनों पर कब्जा देने का काम शुरू कर दिया। इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अहमदाबाद की कलेक्टर अवंतिका सिंह औलाख ने बताया कि पिछले कई दिनों से दलितों को जमीनों पर कब्जा देने की कार्रवाई चल रही थी। उस संबंध में हमने एक समिति का भी गठन किया है, और हमने भूमि पार्सल की माप और प्रक्रिया पूरी करने के बाद दलितों को जमीन देने का काम शुरू कर दिया है।
 
कलेक्टर के मुताबिक, पूरी प्रक्रिया थोड़ी कठिन थी लेकिन जमीन पर कब्जा देने के लिए हमने सबसे बात कर ली थी। सरोदा गांव के रमन महेरिया ने बताया कि हमारे 115 परिवारों को जमीन पर भौतिक कब्जा दिया गया है। हालांकि सिर्फ 80 परिवारों को ही खेती लायक जमीन मिली है बाकि 35 परिवारों को बंजर जमीन मिली है हम इस संबंध में कलेक्टर से बात करेंगे।
 
धंधुका तहसील के प्रांत अधिकारी आर वी वाला ने बताया कि हमने कल रायका गांव का सर्वे करके लोगों को जमीन पर कब्जा दिया है और आगे हमने फेडरा गांव में भी माप का काम शुरू कर दिया है माप का काम होने के बाद हम और लोगों को जमीन पर कब्जा देंगे।

Courtesy: National Dastak
 

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