गुजरात के राजुला में मरी गाय उठाने पर 22 मई को करीब 12 दलित युवकों की जमकर पिटाई की गई थी। दलितों ने पूरे देश में आंदोलन कर मरे जानवर उठाने से मना कर दिया। जिसके बाद अब दलितों पर मरी गायों को उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। यही नहीं दलितों को मरे जानवर नहीं उठाने पर जान से मारने की धमकी भी दी जा रही।
शहर में घुसे तो जान से मार दूंगा…
राजुला में मरी गाय नहीं उठाने पर महेश नाम के दलित व्यक्ति को कथित ऊंची जाति के लोगों ने जान से मारने की धमकी दी है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक राजुला के रहने वाले महेश ने बताया कि उनके पास शहर के कथित ऊंची जाति के हार्दिक काठी का फोन आया। काठी ने दो मरी गायों को उठाकर ले जाने के लिए बोला। जिस पर महेश ने कहा कि उन्होंने मरी गायों को उठाने वाला काम छोड़ दिया है, इसलिए वह अब मरी गाय नहीं उठाएगा। महेश का इतना जवाब सुनते ही हार्दिक ने महेश को शहर में घुसने पर जान से मारने की धमकी दी है। महेश ने बताया कि हार्दिक प्रभावशाली जाति से है और पुलिसवाले भी उसका साथ देते हैं। अब ऐसे में हमारी सुरक्षा कैसे हो सकती है। परिवार और उनके बच्चे बेहद डर गए हैं।
गाय उठाया तो मार, नहीं उठाएंगे तो मार
राजुला के ही नाजाभाई ने बताया कि हमलोगों की हालत ये हो गई है कि मरे जानवर उठाते हैं तो मार खाते हैं और अब नहीं उठा रहे हैं तो मार खाने की नौबत आ गई है। उन्होंने बताया कि गांव के करीब 30 परिवार मरे जानवर उठाने का कारोबार करते हैं। लेकिन जब से मरे जानवर नहीं उठाते जीवन यापन मुश्किल होने लगा है। वह कहते हैं पढ़े-लिखे नहीं हैं और कोई दूसरा काम भी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि गांव के कुछ लोग मरे जानवर उठाने के लिए बोल रहे हैं, हमने मना किया तो धमकियां दे रहे हैं।
अब नहीं करेंगे ये काम
गांव के एक अन्य दलित नान्जी चौहान ने कहा कि वह अब दोबारा कभी मरे जानवर नहीं उठाएंगे। उन्होंने कहा कि वह मरे जानवर आजीविका के लिए उठा रहे थे। नान्जी ने कहा कि मरे जानवर या गाय उठाना जुर्म नहीं है लेकिन तथाकथित गोरक्षकों ने हमे ऐसे पीटा गया जैसे हमने कोई जुर्म कर दिया था।