नई दिल्ली। ओडिशा का दाना मांझी किसे याद नहीं होगा जिसमें वो हॉस्पिटल से एंबुलेंस न मिलने के चलते बीवी की लाश को अपने कंधे पर ढोकर हॉस्पिटल ले जा रहे था। ओडिशा की इस खबर ने सरकार और प्रशासन पर बड़े सवाल खड़े कर दिए थे। लेकिन अब इससे भी शर्मनाक तस्वीर तेलंगाना के हैदराबाद से आई है। यहां लेप्रोसी से ग्रसित 53 साल के रामुलु एकेड को अपनी पत्नी की लाश को 80 किलोमीटर तक इसलिए घसीट कर ले जाना पड़ा क्योंकि हॉस्पिटल ने उन्हें एंबुलेंस देने से मना कर दिया था और उसके किसी भी तरह का साधन किराए पर लेने के लिए पैसे नहीं थे।
क्या है पूरा मामला
53 साल के रामुलु एकेड लेप्रोसी बीमारी से ग्रस्त है और वो हैदराबाद के मंदिरों में भीख मांग कर अपना गुजारा करते हैं। उनकी पत्नी 46 साल की कविथा को भी लेप्रोसी बीमारी थी जिनकी बीते दिन एक लोकल हॉस्पिटल में मौत हो गयी। रामुलु ने हॉस्पिटल से बीवी की लाश को अपने पैतृक गांव माईकोड ले जाने के लिए एंबुलेंस देने के लिए कहा था।
सूत्रों की मानें तो हॉस्पिटल वालों ने रामुलु से 5000 रुपए की मांग की। रामुलु के पास इतने पैसे नहीं थे इसलिए उसने उसी गत्ते के बिस्तर पर बीवी की लाश को घसीटकर घर तक ले जाने की ठानी। रामुलु ने चलना शुरू किया और वो करीब 24 घंटे लगातार चलने के बाद शनिवार शाम तक विकराबाद नाम की एक जगह तक पहुंच गए।
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बस यहीं पहुंचकर रामुलु का हौसला टूट गया और उन्होंने बीवी की लाश के साथ सड़क के किनारे बैठकर रोना और लोगों से मदद मांगना शुरू कर दिया। इसके बाद पास के गांव के कुछ लोगों की नज़र रामुलु पर पड़ी और उन्होंने पुलिस को पूरे मामले की जानकारी दी। इसके बाद इलाके के ही एक वकील रमेश कुमार और पुलिस ने एंबुलेंस की व्यवस्था कर रामुलु की पत्नी लाश को घर तक पहुंचाया।
ओडिशा में भी सामने आ चुका है ऐसा ही मामला
इससे पहले ओडिशा के कालाहांडी में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। कालाहांडी के रहने वाले दाना मांझी को अस्पताल ने एंबुलेंस या मोर्चरी वैन देने से इनकार कर दिया जिसके बाद उसे अपनी बीवी की लाश को कंधे पर लादकर 10 किलोमीटर तक ले जाना पड़ा था। बता दें कि जब ये व्यक्ति लाश ले जा रहा था तब उसके साथ उसकी 12 साल की बेटी भी थी।
Courtesy: National Dastak