नई दिल्ली। हरियाणा पुलिस पर केंद्र सरकार की महिला कर्मचारी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला कर्मचारी गीता यादव ऊर्फ गीता यथार्थ की माने तो पुलिस ने घरेलू हिंसा का केस दर्ज करने के बदले पूरे मामले को ही रफा दफा कर दिया है। दरअसल गीता यादव केंद्रीय कर्मचारी हैं और उन्होंने अपने पति पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाया है। साथ ही पति से हर्जाना मांगा है।
लेकिन हरियाणा पुलिस ने केस दर्ज करने के बदले उनके रसूखदार पति देवेंदर सिंह, जो हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड के मेंबर हैं उनको लगभग क्लीनचिट दे दी है। दरअसल गीता यादव ने अपने पति पर दहेज, घरेलू हिंसा, जान मारने की धमकी का आरोप लगाया था। तीन महीने से ज्यादा समय हो गया है लेकिन अब तक केस दर्ज नहीं हुआ है। सीएम विंडो पर शिकायत करने के बाद पुलिस लगातार गीता यादव को ही परेशान कर रही है।
गीता यादव महिला अत्याचार के खिलाफ सोशल साइट्स पर लगातार लिखती रही हैं। वह केंद्र सरकार में कर्मचारी हैं। लेकिन जिस तरह अपने रसूख और जान पहचान की वजह से उनका आरोपी पति केस तक दर्ज नहीं होने दे रहा है इससे साफ है कि हरियाणा पुलिस दबाव में है।
गीता यादव की माने तो उनके पति का जवाहर यादव और सूबे के मंत्री रामविलास शर्मा से काफी नजदीकी है। शायद इसी वजह से उन्हें हरियाणा स्टाफ सेलेक्शन बोर्ड का मेंबर बनाया गया। साथ ही केस दर्ज नहीं हो रहा है।
सोशल साइट्स पर गीता यादव ने रामविलास शर्मा के साथ अपने पति की तस्वीरें और अपने शरीर पर जख्म के निशान वाली तस्वीरें भी शेयर की है। इससे साफ है कि हरियाणा में महिलाओं को न्याय मिल पाना कितना मुश्किल है। जबकि पीएम ने हरियाणा से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ का नारा दिया था।
लेकिन जिस तरह एक पत्रकार रही और अब केंद्रीय कर्मचारी गीता यादव का केस तक दर्ज नहीं हो पा रहा है उससे साफ है कि हरियाणा पुलिस पीएम के अभियान को ही पलीता लगा रही है। साथ ही रसूखदार आरोपियों के लिए हरियाणा खट्टर सरकार में स्वर्ग से कम नहीं है। गीता यादव की पूरी कहानी आप उनके फेसबुक पेज पर जाकर भी पढ़ सकते हैं।
फेसबुक पर गीता यादव का दर्द यहां क्लिक कर पढ़ें
गीता यादव लिखती हैं-
#mlkhattar
#cmohry
#ministryWCD
CM Window से कॉल आता है, फीडबैक के लिए.
तीन महीने से ऊपर हो गया कंप्लेंट किये,
बीच-बीच पुलिस ने मुझे खूब हरास् भी किया.
फेसबुक पोस्ट को लेकर गलत तरीके से FIR भी करदी मुझ पर.
अभी तक कोई कार्यवाई नहीं हुई.
फीडबैक क्या दू.??
फीडबैक वालें ने ही बताया आपकी रिपोर्ट तो पुलिस वालों ने भेज दी है.
मैं- पर मुझे कोई जानकारी नहीं है.
फीडबैक यूनिट वाले ने बताया–
" आप दोनों पति पत्नी के रहन- सहन में फर्क था, आप अपने पति को गालियां दी. फ़ोन रिकॉर्डिंग्स है."
इसलिए कोई केस नहीं बनता. ये रिपोर्ट दी है.
मैंने रिप्लाई किया-
1. क्या पुलिस ने उस होटल की जांच करवाई जहा पतिदेव ने अपने दोस्त के साथ कमरे में बंद किया था.
Huda Field Hostel, sector-6, Panchkula.
2. मेरा सारा सामान और जेवेलरी जो पेरेंट्स ने मेरे यूज़ के लिए दी थी, जब मुझे घर में घुसने नहीं दिया जाता तो उसकी रिकवरी.
3. बच्चे को न अपनाने का मेन्टल टॉर्चर.
4. पति की चोट से मेरे शरीर पर बने नील के निशान.
5. 8 महीने के अफेयर के बाद शादी होती है, रहन- सहन का फर्क होता तो शादी ही न होती.
और बहुत सारी बातें है….!!!
एक मंत्री और उसके अफसर की शै पर अगर पुलिस ऐसी रिपोर्ट बनाती है तो पुलिस को सिर्फ वर्दी वाले गुंडे ही कहूँगी, जो मेरी जैसी महिलाओ के शोषण में गुंडे पतियों का साथ देती है.
ये गुडगाँव की मॉडर्न पुलिस है.
(राईट साइड) शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा के साथ माला पहनते हुए, ब्लैक ड्रेस में मेरे पतिदेव.
चुनावो में मंत्री साहब के इलेक्शन एजेंट थे, जिसकी वजह से ही पतिदेव को HSSC का मेंबर बनाया गया. और बहुत सालों से मंत्री साहब के फाइनेंसर भी है.
#PoliceReforms
Courtesy: National Dastak