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इंटरनेट और सोशल मीडिया ने राजनीति में धर्म का दुरुपयोग आसान बनाया ?

मौजूदा मोदी सरकार में शामिल लोगों के भड़काने वाले भाषणों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। सरकार में शामिल मंत्री और सांसद जिस तरह से भड़काने वाले बयान और भाषण दे रहे हैं, वे हतप्रभ करने वाला है।

जरूरत से ज्यादा उत्साही भारतीय इंटेलिजेंस और अब साइबर सेल से लैस पुलिस नेटवर्क के लिए ऐसे भड़काऊ भाषणों और इन्हें देने वालों पर नजर रखना कठिन नहीं है। साथ ही वे भी आसानी से इस बात का पता कर सकते हैं क्या भड़काऊ या उन्माद फैलाने वाले भाषण और बयान देने वाले नेता आने वाले चुनावों में हिस्सा ले रही पार्टियों से जुड़े हैं?

राजनीति में धर्म के दुरुपयोग पर काफी हंगामा मचता रहा है। एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के नाते भारत का कानून राजनीति में धर्म के दुरुपयोग की इजाजत नहीं देता। इसका मतलब यह है कि भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए, 153बी और भारतीय जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 123ए और 123बी तहत धर्म के नाम पर लोगों का गलत उद्देश्य के लिए आह्वान करने, दो धर्मों या संप्रदाय के लोगों को आपस में भिड़ाने और एक धर्म को दूसरे से श्रेष्ठ बताने या धर्म के नाम पर धमकी देना जुर्म है। 

अभी चंद दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव में धर्म और जाति के नाम पर मतदाताओं से अपील के मामले में फैसला दिया। कोर्ट ने कोई गाइडलाइन तो नहीं दी है लेकिन एक मोटा सा सिद्धांत पेश किया, जिसके तहत धर्म, संप्रदाय या जाति  के नाम पर अपील पर रोक है। लेकिन लगता है कि  भाजपा के लोगों पर इसका कोई फर्क नहीं पड़ता है। हाल में भाजपा के सांसद साक्षी महाराज ने एक खास समुदाय के खिलाफ भड़काऊ और आपत्तिजनक बयान दिए। और इस बारे में उनके खिलाफ चुनाव आयोग में शिकायत भी दर्ज की गई है।

इस बीच, व्हाट्सएप और इंटरनेट पर बजने वाले उन्मादी और भड़काऊ म्यूजिक, गाने और ऐसे विजुअल सामने आ रहे हैं जो न सिर्फ बखेड़ा करने में सक्षम हैं बल्कि वे सीधे तौर पर धमकी और चेतावनी देते लगते हैं। ऐसा ही एक एमपी थ्री ट्यून यहां बानगी के तौर पर पेश है। यह ट्यून बड़ी तेजी से इंटरनेट और मोबाइल पर फैल रही है।
गाने के बोल हैं –

Suno papiyo tumhare Chatti pe ab Shiv tandav hoga…….ram mandir song (https://mp3tunes.ws/suno-papiyo-tumhari-chati-pe-d645232)

जो राम का नहीं मेरे काम का नहीं
बोलो राम मंदिर कब बनेगा?
पूछे राम भक्तों से अयोध्या
जा रही है आबरू महा-संग्राम चाहिए
आज कलयुग में राम भक्तों को अपना राम चाहिए
अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहिए
कार सेवकों की बलिदान को कैसे हम भुलायेंगे
पहले गोली खाई है अब फिर लहू बहायेंगे
जागो जागो अब शहीदों का सम्मान चाहिए
राम भक्तों अब शहीदों का सम्मान चाहिए
आज कलयुग में राम भक्तों को अपना राम चाहिए
अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहिए
सुनो पापियों तुम्हारी छाती पे अब शिव-ताण्डव होगा
गर मंदिर नहीं बना तो सरयू तट पे तुम्हारा शव होगा
राम के नाम पे हो कुर्बान वो हिन्दुस्तान चाहिए
आज कलयुग में राम-भक्तों को अपना राम चाहिए
अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहिए
आज कलयुग में राम-भक्तों को अपना राम चाहिए
राम मेरे राम, सीता सीता राम
पतित पवन सीताराम, रघुपति राघव राजा राम, राम मेरे राम
महंत बृजमोहन बाबा का भक्तों यही नारा है
अनुपम देवेन्द्र करो या मरो डरो न वक़्त तुम्हारा है
मोदीजी संसद में सच्चा प्रमाण चाहिए
छप्पन इंच सीने वालों का संविधान चाहिए
आज कलयुग में राम-भक्तों को अपना राम चाहिए
अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहिए

कोरस में गाया एक गीत इस तरह है-

सुनो पापियों तुम्हारी छाती पे अब शिव-ताण्डव होगा
गर मंदिर नहीं बना तो तुम्हारा सरयू तट पे सर होगा
राम के नाम पे हो कुर्बान वो हिन्दुस्तान चाहिए
आज कलयुग में राम-भक्तों को अपना राम चाहिए
अब अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण चाहिए
आज कलयुग में राम-भक्तों को अपना राम चाहिए

Edited by : Arya Raghavendra  राम मंदिर का निर्माण चाहिए Bolo Ram Mandir Kab Banega Song by Devendra Pathak
 

यू ट्यूब पर ऐसे ही कई भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले साउंड ट्रैक और वीडियो देखे जा सकते हैं। आरएसएस से कथित तौर पर जुड़े संगठनों खास तौर पर विश्व हिंदू परिषद कथित तौर पर इसका इस्तेमाल करती रही है। आने वाले चुनावों को ध्यान में रख कर तरह के गाने, भाषण औऱ भड़काऊ वीडियो अपलोड किए जाते रहे हैं। हालांकि अब इऩमें से कई फेसबुक पर ब्लॉक किए जा चुके हैं।


 
मौजूदा मोदी सरकार में शामिल लोगों के भड़काने वाले भाषणों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। सरकार में शामिल मंत्री और सांसद जिस तरह से भड़काने वाले बयान और भाषण दे रहे हैं, वह हतप्रभ करने वाला है। जरूरत से ज्यादा उत्साही भारतीय इंटेलिजेंस और अब साइबर सेल से लैस पुलिस नेटवर्क के लिए ऐसे भड़काऊ भाषणों और इन्हें देने वालों पर नजर रखना कठिन नहीं है।

यूट्यूब पर योगी आदित्यनाथ के समर्थकों का यह वीडियो मौजूद है। इसे 3,00,000 लाइक मिले हैं।


 
सवाल यह कि क्या ऐसे भड़काऊ बयानों,वीडियो या भाषणों को रोकना सरकारी इंटेलिजेंस या पुलिस नेटवर्क की प्राथमिकता है। खास कर उस माहौल में जब मोदी सरकार में बहुसंख्यकों का दखल का बढ़ता जा रहा है।

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