Categories
Politics Rule of Law

जेल की खामियों के बारे में दो साल पहले बता दिया था- पूर्व आईजी (जेल)

भोपाल की सेंट्रल जेल से 8 सिमी कार्यकर्ता फरार हुए या भगाए गए, इस विवाद के बीच, पूर्व आईजी (जेल) ने खुलासा किया है कि जेल की सुरक्षा कमजोरियों और कर्मचारियों की दुखद हालत के बारे में उन्होंने दो साल पहले, 2014 में ही सरकार को बता दिया था। पूर्व आईजी (जेल) जी के अग्रवाल ने बताया है कि 26 जून 2014 को उन्होंने राज्य के तत्कालीन मुख्य सचिव एंटनी डिसा को पत्र भी लिखा था। श्री अग्रवाल का कहना है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और खुफिया ब्यूरो को भी इस बात की जानकारी थी, लेकिन कोई सावधानी नहीं बरती गई।

Bhopal Jail

श्री अग्रवाल ने यह भी बताया कि माँग की थी कि अधिकारियों के साथ एक बैठक की जाए और उसमें भोपाल या अन्य जेलों में होने वाली इस तरह की घटनाओं को रोकने के तरीकों पर विचार किया जाए, लेकिन सरकार की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला।

श्री अग्रवाल ने अपने पत्र में लिखा था कि अभी अन्य जेलों से सिमी आतंकियों को भोपाल सेंट्रल जेल में रखा गया है, लेकिन जेल की इमारत कमजोर है। यहां कि सुरक्षा व्यवस्था में कमी है और कर्मचारियों की स्थिति चिंतनीय है।

सेवानिवृत जेल अधिकारी ने स्टाफ की कमी का भी मसला उठाया था, और कर्मचारियों पर काम के दबाव और तनाव का भी मसला उठाया था।

जेल के मुख्य गार्ड रमाशंकर यादव की बेटी ने भी कहा है कि उनके पिता के हार्ट पेशेंट होने पर भी, और डॉक्टर के मना करने के बावजूद उनकी नाइट ड्यूटी लगाई गई, और अधिकारियों ने ऐसी हालत में भी रात को उनकी अकेले की ड्यूटी लगाई।

पूर्व आईजी (जेल) के इस खुलासे और शहीद गार्ड रमाशंकर यादव की बेटी सोनिया यादव के सवाल के बाद अब मध्य प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान फिर से बुरी तरह से घिर गए हैं।

 सेंट्रल जेल से फरार सभी 8 सिमी कार्यकर्ताओं को एनकाउंटर में मार दिया गया था। पुलिस का कहना है कि ये कैदी हेड कॉन्सटेबल रमाशंकर यादव को मार कर फरार हुए थे।

Source: Khaskhabar.com

Exit mobile version