नई दिल्ली। बैंक अधिकारियों व कालाधन रखने वालों की मिलीभगत से जनधन खातों का खूब दुरुपयोग किया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक जनधन खातों में पहले कालाधन जमा किए गया और फिर निकाल भी लिए गया। यही नहीं बैंक अधिकारियों ने पहले ही खाताधारकों से विदड्रॉल फॉर्म भी साइन करा लिए थे। इनकम टैक्स की इन्वेस्टिगेशन विंग ने ऐसे कई मामले सामने आने के बाद जनधन खातों की जांच शुरू कर दी है।
आरबीआई ने इन्वेस्टिगेशन विंग को सभी जनधन खातों की सूची भी सौंप दी है। जांच पूरी होने के बाद जनधन खातों का दुरुपयोग करने वालों को नोटिस भेजे जाएगे। इन्वेस्टिगेशन विंग के एक अधिकारी ने बताया कि उन्हें कुछ ऐसे मामले मिले हैं जिसमें खातों में बड़ी रकम जमा हुई और 2 दिन बाद ही सारी रकम को निकाल भी लिया गया। इस तरह के खातों की जांच चल रही है और यह देखा जा रहा है कि जिसका खाता है उसकी आर्थिक स्थिति क्या है। इसके साथ ही बैंक अधिकारियों की भूमिका को भी चेक किया जा रहा है।
आपको बता दें कि इन्वेस्टिगेशन विंग को गाजियाबाद के राजनगर स्थित एक बैंक में रिक्शा चालक के जनधन खाते में अलग-अलग किस्तों में 10 लाख रुपये जमा करने का पता चला। लेकिन कुछ दिन बाद ही कैश को नए नोट के रूप धीरे-धीरे करके निकाला भी लिया गया। वहीं, अब भी अकाउंट में कुछ रकम बाकी है। इन खाते की जांच में पता चला है कि रिक्शा चालक के खाते में पैसे उसकी मर्जी से जमा करवाए गए। इसके लिए उसे एक लाख रुपये जमा करवाने के एवज में 5 हजार रुपये दिए गए। जबकि 1 लाख रुपये पर ही 5 हजार रुपये बैंक कर्मचारी को देने की बात भी सामने आई है।
इसी तरह के मामले को लेकर इन्वेस्टिगेशन विंग को लोनी एरिया के एक बैंक में नोटबंदी के बाद बड़ी संख्या में जनधन खाते खोले जाने का पता चला। फिर इन खातों में 2-2 लाख रुपये जमा किए गए। इसके बाद इन खातों से पैसे भी निकाला लिए गए। जबकि कुछ रकम अब भी इन खातों में बाकी है। जांच में पता चला है कि यह जनधन खाते फैक्ट्रियों में काम करने वाले मजदूरों के हैं। वहीं इन खातों में केवाईसी को पूरा भी नहीं किया गया। इसके चलते इन मामलों में बैंक अधिकारियों के शामिल होने की आशंका भी जताई जा रही है।
Courtesy: National Dastak