गुजरात से सैकड़ो किलोमीटर दूर मुंबई.
शहर का हाल के दिनों का सबसे बड़ा जनसैलाब. बाबा साहेब का बुद्ध भूषण प्रेस और आंबेडकर भवन को रात के अंधेरे में गिराए जाने के खिलाफ लोगों का गुस्सा सड़कों पर.
आंबेडकरवादियों से शांति की अपील मत कीजिए सरकार. संविधान और कानून की इज्जत वह आपसे ज्यादा करता है. जो शांतिपूर्ण नहीं है, वह कुछ भी हो सकता है लेकिन आंबेडकरवादी नहीं. जब वह सबसे अधिक गुस्से में होगा, तो आपके खिलाफ वोट डाल देगा… बस इतने से ही उसका काम बन जाता है. यही बाबा साहेब का रास्ता है.
गुजरात में लोगों ने यही तो कहा है कि तुम्हारी माँ है, अंतिम संस्कार तुम करो. इससे बढ़कर अहिंसक आंदोलन और क्या हो सकता है
दिल्ली में यूनाइटेड ओबीसी फोरम के संसद मार्च का जबर्दस्त असर हुआ है. सत्ताधारी दल पर भारी दबाव है. सूचना यह है कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एसोसिएट प्रोफेसर और प्रोफेसर पद पर ओबीसी आरक्षण देने पर सरकार विचार कर रही है.
सत्ताधारी दल समेत कई पार्टियों के कुछ सांसद इसके पक्ष में हैं. अभी सिर्फ असिस्टेंट प्रोफेसर पद ही OBC को आरक्षण मिलता है.
ओबीसी फोरम के तमाम मित्रों को इस शानदार प्रदर्शन के लिए बधाई. लड़ाई जारी रही तो कामयाबी जरूर मिलेगी.