झारखंड में वॉट्सएप पर बीफ पर कमेंट करने के आरोप में हिरासत में लिए गए मिनहाज अंसारी नाम के युवक की रविवार को पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। और मिनहाज को दिमागी बुखार होने की बात कही गई थी लेकिन अब पोस्टमार्टम रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मिनहाज़ की मौत दिमागी बुखार से नहीं बल्कि पुलिस के पीटने से हुई थी।
जामतारा जिले में रहने वाले के मिनहाज़ की पुलिस हिरासत में 2 अक्टूबर को तबियत बिगड़ गई थी जिसके बाद उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालत में कोई सुधार न होने के बाद उसे धनबाद ले जाया गया और अंत में 9 अक्टूबर को रांची के रिम्स में उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम में शरीर के कई हिस्सों में अंदरुनी चोट का खुलासा हुआ है लेकिन उसके पेट में कुछ नहीं मिला। ऐसे में डॉक्टरों ने उसे पुलिस हिरासत रखे जाने की आशंका जताई है।
हालांकि, स्थानीय जमतारा पुलिस के उस दावे की जांच जारी है जिसमें उसने मिनहाज़ के इनसिफेलाइटिस की बीमारी से पीड़ित होने की बात कही थी. अब उसके विसरा को सुरक्षित रख लिया गया है जिसे आगे की जांच के लिए भेजा जाएगा. विसरा रिपोर्ट के आधार पर ही पुलिस के दावे की सत्यता की जांच हो सकती है।
एनडीटीवी की खबर के अनुसार,ताजा घटनाक्रम के बाद दुमका जिला प्रशासन ने अब सभी एडमिनिस्ट्रेटर को व्हॉट्सऐप पर ग्रुप चलाने वाले एक सर्कुलर जारी कर कहा है कि उन्हें केवल ऐसे लोगों को समूह का सदस्य बना चाहिए जिन्हें वे पहचानते हों और यदि कोई सदस्य कोई आपत्तिजनक सामग्री पोस्ट करता है तो उसे तत्काल समूह से निकाल दिया जाना चाहिए. ऐसा नहीं करने पर एडमिनिस्ट्रेटर जिम्मेदार होगा और इसके खिलाफ आईटी एक्ट के तहत कार्यवाही की जाएगी।
Courtesy: Janta ka Reporter