उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनावों में धनबल का किस तरह इस्तेमाल होना है, इसकी झलक मिलने लगी है। केंद्र में सत्तारूढ़ भाजपा ने अभी से राज्य में धन भेजना शुरू कर दिया है, इसका सबूत गाजियाबाद में मिला। गाजियाबाद में एक कार से तीन करोड़ रुपए बरामद हुए हैं। पूछताछ में पता चला है कि ये रुपए भारतीय जनता पार्टी लखनऊ भेज रही थी।
हालाँकि गाजियाबाद के इंदिरापुरम में जब पुलिस ने स्विफ्ट कार में ये तीन करोड़ रुपए पाए तो ड्राइवर और गाड़ी में सवार लोग न तो ये बता पाए कि ये पैसे किसके थे और कहाँ ले जाए जा रहे थे।
जिस स्विफ्ट कार में ये तीन करोड़ रुपए ले जाए जा रहे थे, उसका नंबर HR 26 AR 9662 है और वह अजीत मिश्र के नाम पर रजिस्टर्ड है। उसमें बैठे लोगों के नाम अनूप अग्रवाल और सिद्धार्थ शुक्ला हैं।
जब पुलिस ने कार को रोकने का प्रयास किया तो कार चालक बैरीकेटिंग तोड़कर गाड़ी को लेकर भागने की कोशिश करने लगा लेकिन पुलिस ने पीछा करके कार को रुकवाने में सफलता पाई और कार में बैठे दोनों लोगों को हिरासत में ले लिया।
पुलिस जाँच के बाद आयकर विभाग के अधिकारियों को भी मौके पर बुलाया गया। इसके बाद पता चला कि ये भारतीय जनता पार्टी के फंड का पैसा है जो दिल्ली से लखनऊ भेजा जा रहा था। इसी दौरान बीजेपी के कुछ कार्यकर्ता भी इंदिरापुरम थाने पहुँचे। इस संबंध में उन्होंने पार्टी का लेटर हेड भी दिखाया और कहा कि यह पैसा पार्टी के विकास के लिए लखनऊ ले जाया जा रहा है। इसकी लिखित जानकारी भी पार्टी ने पुलिस को दे दी है। जाँच के बाद ये रकम वापस भाजपा के मुख्यालय दिल्ली भेज दी गई।
भाजपा नेताओं ने कहा कि रुपया लीगल है और पुलिस को पेपर दिखा दिए गए हैं। इतना ही नहीं भाजपा नेताओं ने रकम छोड़ने के बदले दस लाख माँगने का भी आरोप लगाया और कहा कि रिश्वत देने की शर्त पर पुलिस कार को जाने देने के लिए तैयार थी।