UP के देवरिया में भीड़ ने BJP के परिवर्तन रथ को दौड़ाया, बैंक से कैश न मिलने पर थे नाराज: News Round-Up

वाराणसी. प्रधानमन्त्री नरेन्द्र मोदी ने बीते आठ नवंबर की आधी रात से 500 और 1000 क नोटों का लीगल टेंडर खत्म कर उसे चलन से बाहर कर दिया। शुरू में तो काले धन के खिलाफ सट्राइक के नाम पर लोगों ने खूब समर्थन दिया, पर जैसेजैस अब कैश की क्राइसिस लम्बी खिंचती जा रही है अब उस फैसले के खिलाफ लोग खुलकर अपनी नाराजगी जताते नजर आ रहे हैं। पीएम ने लोगों से 50 दिनों तक धैर्य रखने को कहा था पर एक महीना गुजरने के बाद अब लोगों के सब्र का बांध टूटत नजर आ रहा है। हालत यह है कि गुस्साई भीड़ उग्र हो जा रही है।

BJP Parivartan yatra

ऐसी ही एक घटना देवरिया के रुद्रपुर में घटी जब कैश न मिलने से गुस्साए लोगों ने बीजेपी के परिवर्तन रथ को ही दौड़ा लिया। हमारे गोरखपुर संवाददाता के मुताबिक देवरिया के रूद्रुर स्थित आदर्श चैराहे पर लोग बैंक के बाहर मंगलवार की आधी रात से लाइन लगाकर खड़े थे। पर बुधवार की सुबह 11 बजे तक जब कैश मिलने की कोई संभावना नहीं दिखी तो भीड़ ने अपना आपा खो दिया। सैकड़ों की तादाद में लोगों ने आदर्श चैराहे पर जाम लगा दिया।

लोग जाम लगाकर सरकार और बैंक के खिलाफ नारेबाजी कर ही रहे थे कि इसी दौरान एक घुड़सवार भीड़ में आ घुसा, जिसके बाद वहां भगदड़ मच गई। इसी दौरान वहां से बीजेपी का परिवर्तन रथ गुजर रहा था। रथ को देखते ही लोगों ने अपना आपा खो दिया। रथ को लोगों ने दौड़ा दिया। किसी तरह रथचालक गाड़ी मोड़कर भागने में सफल रहा। इस दौरान आदर्श चैराहे पर करीब तीन घंटे जाम लगा रहा, जिससे आवागमन बाधित रहा।

सूचना मिलने के बाद नायब तहसीलदार डॉ. संजीव दीक्षित मौके पर पहुंचे। शुरू में नाराज लोग उनकी बात मानने को तैयार ही नहीं हुए। किसी तरह उन्होंने भीड़ को समझाया और जाम समाप्त हुआ। पूरे तीन घंटे तक वहां आवागमन बाधित रहा। प्रत्यक्ष दर्शियों की मानें तो भीड़ इतने गुस्से में थी कि एंबुलेंस तक को जाने का रास्ता नहीं दिया। एंबुलेंस भी काफी देर तक जाम में फंसी रही। लोगों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। ग्रामीणों का यह भी आरोप था कि ग्रामीण क्षेत्र के बैंकों के साथ भेदभाव बर्दाश्त किया जा रहा है।

Courtesy: Patrika.com


नो कैश से सिद्धार्थनगर में बिगड़े हालात, सड़क जाम

Pensioner
नोटबंदी के 37 दिन बाद भी स्थिति में कोई सुधार नहीं दिख रहा है। गुरुवार को डुमरियागंज में बैंक पर नो कैश का बोर्ड देख लोग उग्र हो गए। कस्बे में ही डुमरियांगज-इटवा मार्ग जाम कर प्रदर्शन करने लगे।

सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने कड़ी मशक्कत के बाद लोगों को समझाकर जाम समाप्त कराया। गुरुवार को कस्बे में स्थित एचडीएफसी बैंक के एटीएम पर ठंड की प्रवाह किए बगैर लोग भोर से ही लाइन लगाकर खड़े थे। जब बैंक खुला तो एटीएम पर कर्मियों ने नो कैश का बोर्ड लगा दिया।

इस पर लोग उग्र हो गए और इटवा-डुमरियागंज मार्ग जाम कर दिया। सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने किसी तरह से स्थिति को संभाला।

Courtesy: LiveHindustan.Com
 


बैंक में कैश न होने से भड़के लोग, जाम किया हाइवे

चिन्हित राज्य आंदोलनकारी समिति ने आंदोलनकारियों की पेंशन नहीं आने के विरोध में गुरुवार से तहसील में धरना शुरू कर दिया है। आंदोलनकारियों ने प्रदेश सरकार पर पेंशन खाते में नहीं डालने का आरोप लगाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन कर धरना किया।

चिन्हित राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड सरकार द्वारा 6 माह बीतने के बाद भी आंदोलनकारियों के खाते में पेंशन नहीं डाली है। उन्होंने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाया कि वह आंदोलनकारियों को पेंशन देने के मामले में टालमटोल कर रही है। उन्होंने कहा कि 1 जून 2016 से राज्य आंदोलनकारियों को पेंशन देना स्वीकार किया गया था और 6 माह पूरे हो चुके हैं और उनकी पेंशन आज तक खातों में नहीं पंहुची है। उन्होंने सरकार के खिलाफ रोष व्यक्त किया। धरना देने वालों में भूपेन्द्र सिंह भण्डारी, आनन्द भण्डारी, रमेश कोठारी, दिनेश जोशी, कैलाश जोशी, राकेश चन्द्र, नवीन चन्द, गीता पुनेठा, कौशल्या वाफिला, कलावती पाण्डेय, गंगा जोशी, हेमा अधिकारी, गंगा पाण्डेय, कलावती, हीरा जोशी आदि मौजूद रहे।
 
Courtesy: LiveHindustan.Com
 

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