नई दिल्ली। महाराष्ट्र में खैरलांजी के दलित परिवार के एकमात्र पीड़ित भैयालाल भोटमांगे का आज (शुक्रवार) निधन हो गया। भैयालाल अपने परिवार को न्याय के लिए लड़ रहे थे। 2006 में 29 सितंबर को खैरलांजी गांव में रहने वाले दलित भैयालाल भोटमांगे के पूरे परिवार की नृशंष हत्या कर दी गई थी।
गांव में राजनीतिक रसूख रखने वाले कुंबी मराठा समुदाय के लोगों ने भोटमांगे की पत्नी सुरेखा, बेटी प्रियंका, बेटे सुधीर और रौशन की हत्या कर दी थी। हत्या किए जाने से पहले भोटमांगे की पत्नी और बेटियों को भीड़ ने पुलिस के सामने नंगा कर पीटा और फिर पूरे परिवार की हत्या कर दी। नागपुर में इस घटना का विरोध कर रहे दलितों की बड़ी रैली के हिंसक होने के बाद ही मीडिया का ध्यान इस तरफ गया।
महाराष्ट्र दलित चेतना की भूमि रहा है। महाराष्ट्र में दलित और उनसे जुड़ा आंदोलन देश के अन्य हिस्सों के मुकाबले ज्यादा जागरूक रहा है लेकिन इसके बावजूद भोटमांगे घटना के एक दशक बाद भी अपनी न्याय की लड़ाई जारी रखे हुए थे। आखिरी समय तक उन्हें न्याय नहीं मिल पाया।