खाप का सम्मान लेने से साक्षी मलिक ने किया इन्कार

रियो ओलंपिक में कुश्ती में पदक जीतकर देश का गौरव बढ़ाने वाली साक्षी मलिक ने अब जातिवाद और रूढ़िवाद को भी परास्त कर साबित किया है कि वे सचमुच देश का गौरव हैं।

साक्षी ने सर्व खाप पंचायत की ओर से दिए जाने वाले सम्मान को लेने से इन्कार कर दिया है। रियो ओलंपिक में कांस्य पदक जीतने पर हरियाणा में मेहम चौबीसी की तरफ से 13 सितंबर को सर्व खाप पंचायत साक्षी का सम्मान करना चाहती थी, लेकिन साक्षी ने पंचायत में शामिल होने से मना कर दिया।

ये खाप पंचायत लड़कियों पर तरह-तरह की पाबंदियाँ लगाने के लिए अक्सर आलोचनाओं का शिकार होती रही हैं। कभी ये लड़कियों के जीन्स पहनने पर रोक लगाती हैं, तो कभी उनके मोबाइल रखने पर प्रतिबंध लगाती हैं। साक्षी ऐसी रूढ़ियों के हमेशा खिलाफ रही हैं। यहाँ तक कि राज्य सरकार की ओर से आयोजित सम्मान समारोह में भी वे जीन्स पहनकर ही शामिल हुई थीं, जबकि खुद मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर लड़कियों के जीन्स पहनने को लेकर आपत्ति जताते रहे हैं।

सर्व खाप पंचायत में ओलंपिक में हिस्सा लेने वाले सभी खिलाड़ियों को सम्मानित करने का कार्यक्रम था। साथ ही उन लोगों का भी सम्मान किया जाना था जिन्होंने जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान अपनी जान गँवाई या जेल में गए।

साक्षी के पिता सुखबीर मलिक ने बताया कि मंगलवार को रोहतक में होने वाली इस महापंचायत में साक्षी नहीं जाएगी। उन्होंने कहा कि साक्षी अभी अपने खेल पर ही ध्यान केंद्रित कर रही है।

साक्षी के पिता ने टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया कि साक्षी को खाप पंचायत का निमंत्रण मिला है, लेकिन उन्होंने इसे अस्वीकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि साक्षी की हर गतिविधि और भागीदारी केवल पहलवानी तक सीमित है। हम किसी भी तरह की राजनीति के ख़िलाफ़ हैं और साक्षी ऐसे किसी भी आयोजन में नहीं जाएगी। हम समाज का सम्मान करते हैं लेकिन, साक्षी अब राष्ट्रीय सम्पत्ति है।
 
 

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