खेती की जमीन नहीं मिली तो दलित ने की आत्महत्या

गुजरात में खेती के लिए जमीन की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे दलितों में से एक दलित ने आत्महत्या कर ली। जूनागढ़ कलेक्ट्रेट के बाहर हो रहे प्रदर्शन में प्रभात परमार, जिग्नेश राठौड़ और चंदू परमार नाम के तीन प्रदर्शनकारियों ने ज़हर खा लिया था। इनमें से प्रभात परमार की अस्पताल में मौत हो गई।

Prabhat Parmar Gujarat Dalit Suicide
प्रभात परमार    Image: Jansatta

प्रभात परमार के परिवार समेत कई दलित परिवारों को 1991 में संधा गांव से दबंगों ने मारपीटकर निकाल दिया था, जिसके बाद ये लोग राजकोट में रहने लगे थे। ताजा विवाद तब शुरू हुआ जब इन दलितों ने गाँव में खेती के लिए जमीन माँगनी शुरू की। प्रभात परमार ने 2000 में लोकल कोर्ट में भी इसके लिए अर्जी दायर की थी लेकिन कोर्ट ने कहा था कि दलित लोग गौचर जमीन पर खेती करना चाहते हैं लेकन उन्हें इसकी इजाजत नहीं दी जा सकती।

ऊना कांड के बाद जब दलितों ने अपने लिए खेती की जमीन माँगनी शुरू की तो संधा गाँव के 86 परिवारों ने भी जमीन की अपनी मांग दोबारा उठानी शुरू की। संधा की 750 बीघा जमीन है जिस पर दलित लोग खेती करना चाहते हैं। दलित लोगों का आरोप है कि उस जमीन में से 250 बीघे जमीन गैर-दलित लोगों के कब्जे में भी है।

12 अक्टूबर से जारी दलितों के इस प्रदर्शन पर जब शासन ने कोई सुनवाई नहीं की तो प्रभात परमार समेत तीन दलितों ने जहर खा लिया। दो को तो बचा लिया गया लेकिन प्रभात की मौत हो गई।

Source: Jansatta

Trending

IN FOCUS

Related Articles

ALL STORIES

ALL STORIES