भोपाल। मध्य प्रदेश के अनुसूचित जनजाति विभाग के प्रमुख सचिव को बजरंग दल के गुंडों द्वारा डराने धमकाने का मामला सामने आया है। खबरों के अनुसार इन लोगों को कथित तौर पर राज्य के संस्कृति विभाग के एक अधिकारी ने भेजा था।
दरअसल संस्कृति विभाग ने राज्य के 23 मेंदिरों के जीर्णोद्धार के लिए अनुसूचित जातियों और जनजातियों के कल्याण कोष से 27 करोड़ रुपये देना का एक प्रस्ताव भेजा था। जिसे पर अनुसूचित जनजाति विभाग के प्रमुख सचिव ने विरोध जताया था। इस वजह से सोमवार को बजरंग दल के लोगों ने आईएएस अधिकारी अशोक शाह के घर को घेरने की कोशिश की और उनके खिलाफ नारे भी लगाए। बंजरग दल का आरोप है कि शाह ने मंदिरों के जीर्णोद्धार में बाधा डालने का काम किया है।
पुलिस ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को आईएएस अधिकारी के घर से कुछ दूरी पर रोंक लिया। यह विरोध प्रदर्शन शाह को डराना करने के उद्देश्य से किया गया था। राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब पुलिस को पहले से प्रदर्शन की जानकारी थी तो फिर क्यो बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को विरोध करने की अनुमति दी गई।
वहीं बजरंग दल के जिला संयोजक लोकेन्द्र मालवीय ने कहा कि, उन्होंने यह प्रदर्शन शाह द्वारा एक समाचार पत्र को दिए गए बयान की वजह से किया गया था। मालवीय के अनुसार शाह ने कहा था कि हनुमान अनुसूचित जनजाति के भगवान नहीं है। हम इस तरह के बयान कैसे बर्दाश्त कर सकते हैं? उनके इस बयान से पूरे समुदाय की भावनाओं को आहत पहु्ंचा है।'
Courtesy: National Dastak