देवास। मध्य प्रदेश के देवास इलाके के बहिरावद गांव में दलित समाज के लोगों को मंदिर जाने से रोकने के लिए मंदिर के गेट पर ताला लगाने का मामला सामने आया है। मंदिर के गेट पर ताला लगा देखकर दलित समाज के लोग आक्रोशित हो गए और दोषियों के खिलाफ कारवाई करने की मांग को लेकर सिर पर भागवत पुराण रखकर पैदल पुलिस थाना पहुंचे। मामले की जानकारी मिलने पर नायब तहसीलदार और टीआई मौके पर पहुंचे और ताले को तुड़वाकर मंदिर का गेट खुलवाया।
दलित समुदाय ने मंदिर समिति से जुड़े हुए कुछ लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए एक आवेदन टीआई को सौंपा। इस आवेदन में बताया गया कि दलित समाज के लोगों द्वारा 31 जनवरी से गांव में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा था। इसका समापन सोमवार को शोभायात्रा और भंडारे के साथ रखा गया था। दोपहर में लोग शोभायात्रा के साथ ग्राम भ्रमण के बाद हनुमान मंदिर पर पूजा-पाठ करने के लिए पहुंचे तो गेट पर ताला लगा हुआ था।
आवेदन में कहा गया कि इस प्रकार दलित समाज के लोगों के साथ भेदभाव और छुआछूत का व्यवहार किया गया। टीआई ने आवेदन के आधार पर कार्रवाई करने का आश्वासन देकर आक्रोशित लोगों से गांव लौटने की बात कही। इस बात से नाराज होकर आक्रोशित लोगों ने शासन-प्रशासन के खिलाफ थाना परिसर में नारेबाजी शुरू कर दी।
जानकारी के मुताबिक थाना परिसर में नारेबाजी करने पर पुलिसवालों ने दलितों को मारपीट कर थाना परिसर से बाहर खदेड़ दिया। इससे नाराज होकर दलित समुदाय के लोगों ने एसडीएम कार्यालय पहुंच नायब तहसीलदार को एक ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में कहा गया है कि टीआई आरके चतुर्वेदी ने उनके साथ मारपीट व गाली-गलौज कर जाति सूचक शब्दों से अपमानित किया है। इस संबंध में टीआई को निलंबित करने और दोषियों पर तुरंत प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की।
कन्नौद की एसडीएम रंजना पाटने ने कहा कि 'बहिरावद के मामले में ज्ञापन प्राप्त हुआ है। जांच के बाद दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पुलिस द्वारा मारपीट करने के मामले में भी जांच करवाई जाएगी।'
Courtesy: National Dastak