नई दिल्ली। पीएम मोदी ने 8 नवंबर को शाम 8 बजे अचानक 500 और 1000 के नोटबंदी की घोषणा कर दी। पीएम ने जब नोटबंदी की घोषणा की तो विपक्षियों ने उनके इस फैसले पर सवाल खड़े किए थे। हालांकि कुछ राजनेताओं ने पीएम मोदी के नोटबंदी के फैसले को बोल्ड फैसला बताते हुए पीएम मोदी की तारीफ भी की थी। जिसमें बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पीएम मोदी के मित्र और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू का नाम शामिल है।
लेकिन आज नोटबंदी के 42 दिन बाद भी जब समस्याएं जस की तस बनी हैं और लोगों का मरना जारी है तो लोगों के सब्र का बांध टूट रहा है। नोटबंदी को लेकर मोदी सरकार की तारीफ करने वाले आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने भी अब अपना रुख बदल लिया है।
चंद्र बाबू नायडू का अब कहना है कि नोटबंदी से जैसी उम्मीद थी वो पूरी नहीं हुई। चंद्रबाबू नायडू का ये भी कहना है कि नोटबंदी के चालीस दिन गुजर जाने के बाद भी समस्या का कोई हल नहीं दिख रहा है। नोटबंदी पर अपनी राय बदलते हुए चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “इतने दिन बाद भी समस्या बरकरार है। समस्या सुलझाने वाले काबिल नहीं हैं और फिलहाल इसका हल नहीं दिख रहा है।”
आपको बता दें कि चंद्रबाबू नायडू केंद्र सरकार की तरफ से बनाई गई उस 13 सदस्दीय कमेटी के चेयरमैन हैं जिसके पास नोटबंदी से पैदा हुई समस्याओं को देखने की जिम्मेदारी है। चंद्रबाबू नायडू ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर फौरी तौर पर सुधार के कदम नहीं उठाए गए तो लोगों की परेशानी लंबे समय तक बनी रही सकती है।
चंद्रबाबू नायडू ने कहा, “जैसी खुशफहमी मुझे थी, नोटबंदी वैसा नहीं रहा। नोटबंदी के 40 दिन बाद भी लोगों को भारी परेशानी का सामना है और अभी इसका कोई हल भी नहीं दिख रहा है।” आंध्र के सीएम ने कहा, “नोटबंदी अब भी संवदेशनशील और जटिल परेशानी है।”
चंद्रबाबू नायडू का कहना है कि वो हर रोज दो घंटे नोटबंदी से पैदा हुई परेशानी को कम करने में लगाते हैं, अपना दिमाग खपाते हैं, लेकिन वो कोई हल निकालने में नाकाम रहते हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमने 30 दिन में अगस्त संकट (1984 में पार्टी के भीतर हुए तख्तापलट) का हल निकाल लिया था, लेकिन नोटबंदी अब भी परेशान कर रही है।” उन्होंने कहा कि नोटबंदी और डिजिटल ट्रांजेक्शन के लिए लिए बैंक तैयार नहीं थे।
Courtesy: National Dastak