मोदी के विदेश दौरों के खर्चों पर चुप्पी क्यों?

केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) अभी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश दौरों के खर्चों की फाइल का इंतजार कर रहा है। लिहाजा वह अब तक यह फैसला नहीं कर पाया है कि पीएम के 40 देशों के दौरों के खर्चों को सार्वजनिक किया जा सकता है या नहीं

Narendra modi foreign Trips

सबरंगइंडिया ने कुछ दिनों पहले की एक रिपोर्ट में लिखा था कि पीएमओ ने मोदी के विदेश दौरों के बिल की जानकारी देने से इनकार कर दिया है। हालांकि केंद्रीय सूचना आयोग ने इसके लिए पीएमओ को 18 नवंबर की नई डेडलाइन जारी की है। सीआईसी ने कहा है कि पीएमओ उसके पास पीएम दौरे के दौरान हुए खर्चों का ब्योरा पेश करे।

खबरों के मुताबिक आरटीआई कार्यकर्ता और रिटायर्ड नेवी कमोडोर लोकेश बत्रा ने आरटीआई आवेदन का इस्तेमाल कर पीएम नरेंद्र मोदी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं के दौरान हुए खर्चे का ब्योरा मांगा है। लेकिन पीएमओ और विदेश मंत्रालय ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए यह ब्योरा देने से इनकार कर दिया। कमोडोर बत्रा ने यह भी जानना चाहा है आखिर नकदी संकट से जूझ रही एयरइंडिया को पीएमओ की ओर से पेमेंट में देर क्यों हुई।

पहले भी इस आशय की खबरें आई हैं की पीएम मोदी ने जून से दिसंबर 2015 के बीच कम से कम दस बार एयर  इंडिया की चार्टड फ्लाइट की सेवा ली और इस मद में पीएमओ पर एयर इंडिया का 134 करोड़ रुपये का बकाया है। एयर इंडिया ने इस भुगतान के लिए तकादा किया है लेकिन जैसा कि अब यह एक अघोषित नियम सा बन चुका है कि पेमेंट में देरी कर दी जाए। इस बार भी ऐसा ही हुआ है।

कमोडोर बत्रा कहते हैं कि एयर इंडिया घाटे में चल रही है। यह नकदी संकट से जूझ रही है। ऐसे में देश के शीर्ष दफ्तर (पीएमओ) से एयर इंडिया को पेमेंट करने में दिक्कत क्यों हो रही है। इस बिल का ब्याज की भरपाई कौन करेगा। आदर्श स्थिति तो यह है कि पीएमओ इऩवॉयस मिलने के एक महीने के भीतर इस बिल का भुगतान कर देता।

‘बिजनेस स्टैंडर्ड’ की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएमओ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों के खर्चे को जाहिर करने में काफी सतर्कता बरतता रहा है। आरटीआई आवेदनों के जवाब में वह यह कह इसे टालता रहा है कि संबंधित पार्टी (एयरलाइन की ओर से बिल आदि के संदर्भ) से बिल नहीं मिला है। जवाब इस तरह दिए जाते हैं- बिल प्रोसेस में है या बिल नहीं मिला है। पीएम के विदेश दौरों के दौरान एयर इंडिया के बिल की विस्तृत जानकारी कमोडोर बत्रा के आरटीआई आवेदन के जवाब के दौरान मिली। कमोडोर बत्रा ने ‘एनडीटीवी’ को बताया कि एयर इंडिया गहरे वित्तीय संकट में है। मैं जानना चाहता था कि अलग-अलग सरकारों में एयर इंडिया के बिल के भुगतान में इतनी देरी की वजह क्या थी।

यह जानना दिलचस्प होगा क्या पहले के पीएम दौरों की तुलना में अब खर्चे बढ़े या घटे हैं। वास्तविकता यह है कि पिछले सालों की तुलना में पीएम दौरों के खर्चे 80 फीसदी बढ़ गए हैं।

‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेजों से यह साफ हुआ है कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान पीएम और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों के दौरों पर 567 करोड़ रुपये खर्च हुए। इसके अलावा मोदी सरकार के नौकरशाहों ने हर साल इन दौरों पर औसतन 500 करोड़ रुपये खर्च किए।

वित्त वर्ष 2015-16 की शुरुआत में बजट में पीएम के दौरे पर 269 करोड़ रुपये के खर्च का अनुमानित प्रावधान था लेकिन संशोधित आकलन के मुताबिक यह आंकड़ा 567 करोड़ रुपये पर पहुंच गया। इसके अलावा, 2014-15 तक तीन वर्षों के दौरान नौकरशाहों के दौरों पर खर्च बढ़ कर 1500 करोड़ रुपये हो गए।

पिछली सरकार के पांच साल के कार्यकाल में दौरों पर हुआ कुल खर्चा 1500 करोड़ रुपये का था। इसकी तुलना में तीन साल यानी वित्त वर्ष 2014-15 से 2016-17 के दौरान एऩडीए सरकार में अकेले यात्राओं पर ही खर्च 1140 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
‘द हिंदू’की एक रिपोर्ट में इन खर्चों और इसके बरक्स विभिन्न देशों से हुए समझौतों का आंकड़ा पेश किया गया है। –
 

देशपीएम की भाषणों की संख्या दस्तख्त हुए समझौतों की सं.खर्च (रुपयों में )
कनाडा006,05,47,967
अमेरिका306,13,54,433
जर्मनी202,92,01,498
फिजी432,59,06,527
सेशेल्स101,28,61,928
ऑस्ट्रेलिया358,91,58,926
मॉरीशस351,37,92,690
नेपाल1123,00,90,226
म्यांमार3098,98,258
चीन3242,34,98,272
मंगोलिया2122,15,70,547
सिंगापुर001,05,88,706
बांग्लादेश2131,37,70,130

 सारे इनपुट्स  – द हिंदू

ऊपर के चार्ट से साफ है कि जिन देशों का मोदी ने दौरा किया, उनमें से आधे के साथ भारत का कोई समझौता नहीं हुआ। 13 देशों की इस सूची में दो में उनका कोई भाषण नहीं हुआ। जबकि हकीकत यह है कि मोदी और उनकी कैबिनेट के मंत्रियों के इन दौरों पर करदाताओं के करोड़ों रुपये खर्च हो रहे हैं। इसलिए इस बात पर नजर रखना जरूरी है कि मोदी और उनके मंत्री जिस हिसाब से इन दौरों पर खर्च कर रहे हैं उसके मुताबिक परिणाम मिल रहे हैं या नहीं।


Image credit: Times of India
 

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