Categories
Politics Rule of Law

मोदी की डिग्री जांचने का आदेश देने वाले सूचना आयुक्त से छीना गया HRD चार्ज

नई दिल्ली। दो दिन पहले ही मानव संसाधन विकास मंत्रालय में सूचना आयुक्त एम. श्रीधर आचार्युलु ने पीएम मोदी की डिग्री सार्वजनिक न करने के आरोप में दिल्ली विश्वविद्यालय की सीपीआईओ पर 25,000 रुपए का जुर्माना लगाया था। इसकी कीमत सूचना आयुक्त एम. श्रीधर आचार्युलु को अपना पद गंवाकर चुकानी पड़ी। 

Modi

HRD मंत्रालय सूचना आयुक्त एम. श्रीधर आचार्युलु द्वारा दिल्ली विश्वविद्यालय की 1978 के बीए डिग्री रिकॉर्ड की जांच का आदेश सार्वजनिक किए जाने के करीब दो दिन बाद ही मुख्य सूचना आयुक्त आर. के. माथुर ने उनसे (एचआरडी) मंत्रालय का चार्ज छीन लिया है। 
 
जिसके बाद अब मानव संसाधन विकास मंत्रालय से संबंधित सभी शिकायतें व सुझाव अन्य सूचना आयुक्त मंजुला पराशर देखेंगी। उन्हें इसका पूरा चार्ज सौंप दिया गया है। इससे जुड़े सारे फैसले अब वहीं करेंगी। यह आदेश मंगलवार को दिया गया। 
 
आपको बता दें कि मुख्य सूचना आयुक्त (CIC) को यह विशेषाधिकार है कि वह किसी भी आयुक्त को कोई भी विषय सौंप सकता है। यह आदेश काम सौंपने के संबंध में 29 दिसंबर को लिए गए एक अन्य आदेश के कुछ दिन बाद आया जिसमें आचार्युलु को एचआरडी मिनिस्ट्री के चार्ज पर बरकरार रखा गया था। 21 दिसंबर को आचार्युलु ने दिल्ली विश्वविद्यालय को वर्ष 1978 में बीए डिग्री पास करने वाले सभी विद्यार्थियों के रिकार्ड की पड़ताल करने का आदेश दिया था।

1978 वही साल है जब विश्वविद्यालय के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी को डिग्री मिली थी। द इंडियन एक्सप्रेस ने सीआईसी आर. के. माथुर से संपर्क साधने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो सकी, वहीं आचार्युलु ने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। 
 
पिछले साल यूनिवर्सिटी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्नातक डिग्री के बारे में सूचना के अधिकार (आरटीआई) के तहत जानकारी मांगने वाले आवेदन को अस्वीकार कर दिया था। उस समय कहा गया था, “यह छात्रों की व्यक्तिगत जानकारी से संबंधित है, जिसका खुलासा करने से किसी भी सार्वजनिक गतिविधि या हित से कोई संबंध नहीं है।” हालांकि आयोग ने कहा था कि छात्रों की शिक्षा से संबंधित मामला वर्तमान हो या पूर्व सार्वजनिक हित की श्रेणी में आता है।

Courtesy: National Dastak
 

Exit mobile version