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मोदी सरकार की नई तानाशाही, 10 मेट्रो स्टेशनों को पूरी तरह किया कैशलेश

नई दिल्ली। शायद सरकार को इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि देश की जनता कैशलेस होने के लिए तैयार है या नहीं। इसीलिए सरकार अपने फैसले जबरन जनता पर थोपना चाहती है। कालाधन और भ्रष्टाचार के नाम पर शुरु हुआ नोटबंदी का खेल अब कैशलेस इकॉनमी के मुद्दे पर आकर रुक गया है। मोदी सरकार अब कालाधन और भ्रष्टाचार के मुद्दे से कन्नी काटती नजर आ रही है और जबरन कैशलेश इकॉनमी को हवा दे रही है। 

हमारा देश कैशलेस होने के लिए तैयार है या नहीं शायद इस बात का अंदाजा सत्ताधारी सरकार को भी है, लेकिन मोदी सरकार फिर भी तानाशाही पर उतर आई है। इसका ताजा उदाहरण है दिल्ली के 10 मेट्रो स्टेशनों को पूरी तरह कैशलेस बना देना। 
 
जी हां, 1 जनवरी 2017 से दिल्ली के 10 मेट्रो स्टेशन कैशलेस हो जाएंगे। इन स्टेशनों पर 1 जनवरी से स्मार्ट कार्ड या ऑनलाइन पेमेंट के जरिए ही टिकट खरीदा जा सकेगा। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन की ओर से बताया गया कि रोहिणी ईस्ट, रोहिणी वेस्ट, एमजी रोड, मयूर विहार फेज 1, निर्माण विहार, तिलक नगर, जनकपुरी वेस्ट, नोएडा सेक्टर 15, नेहरू प्लेस और कैलाश कालोनी स्टेशन पर 1 जनवरी से कैश लेन-देन पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा। इसका मतलब यह हुआ कि यहां आप कैश रुपये देकर काउंटर से टिकट नहीं खरीद सकेंगे।
 
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नोटबंदी से हो रही समस्याएं 50 दिनों तक बर्दाश्त करने की मियाद नजदीक आने के बीच लोंगो की कैश पर निर्भरता खत्म करने की सरकार की कोशिशें तेज होती दिख रही हैं। इसी कड़ी में बीजेपी के भी कई नेता लोगों को कैशलेस सिस्टम के फायदे समझाने में जुटे हुए हैं। 
 
पिछले दिनों दिल्ली बीजेपी के नवनिर्वाचित अध्यक्ष मनोज तिवारी ने भी मेट्रो की सवारी करते हुए लोगों को कैशलेस सिस्टम के फायदे समझाए थे। अब देखना यह है कि नोटबंदी के 50 दिन होने के बाद जनता का क्या रिएक्शन होता है?

Courtesy: National Dastak

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