मोदी सरकार के 2.5 साल के कार्यकाल में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कंपनियों का अपनी तरफ से इन्वेस्टमेंट घट गया है और क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भी भारत की रेटिंग को पहले के स्तर से नीचे कर दिया है। इससे आगामी बजट इस सरकार का सबसे मुश्किलों से भरा रहेगा।
नोटबंदी से पड़ा है कंपनियों पर काफी असर
समाचार एजेंसी ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, नोटबंदी को 3 महीने से ऊपर का समय गुजर गया है, लेकिन इससे सरकार की चुनौतियां काफी बढ़ गई हैं। इससे आम लोग तो प्रभावित हुए, साथ ही उद्योगों पर भी काफी नकारात्मक असर पड़ा है।
इस बार के बजट में उद्योगों को रफ्तार देने के लिए कदम उठाने पड़ेंगे। अगर मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली ने इसके लिए कोई घोषणा नहीं की तो देश की इकनॉमी पर इसका काफी असर पड़ने की संभावना है।
क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों ने भी घटा दी है रेटिंग
विश्व की प्रमुख क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां जैसे की फिच, एसएंडपी ग्लोबल, मूडी ने भारत की साख को काफी नीचे कर दिया है। इसके साथ ही रिजर्व बैंक ने भी जीडीपी के अनुमान को 7.6 फीसदी से घटाकर के 6.8 फीसदी कर दिया है। केवल नोमुरा ने कहा है कि नोटबंदी से इकनॉमी पर इतना असर नहीं पड़ा है।
Courtesy: Amar Ujala