अफ़वाह, मानहानि, झूठ और दुष्प्रचार हमारा तरीका तो नहीं है न?
नमक मामले में जो आम जनता का मजाक उड़ा रहे है उनकी जेहनी हालत पर सिर्फ तरस खाया जा सकता है। हजूर, सरकार जिसे कहते है वो एक भरोसे का नाम होता है। वो भरोसा, जिसके दम पर एक हड्डी का सिपाही हज़ारों लोगों को दौड़ा-दौड़ा के पीटता है। वो भरोसा, जिसके दम पर गरीब किसान अपनी सारी फसल कागज़ के टुकड़ों के बदले दे देता है। वो भरोसा, जिसके बदले में जवान गोली खाने तक को तैयार हो जाता है। वो भरोसा ही लोकतंत्र की नींव है ।
अवाम आखिरी दम तक चाहती है कि वो भरोसा न टूटे। वो सारी बदतमीज़ी सहकर भी चाहती है कि सरकार की साख बनी रहे। उसे सुख की नींद मिलती रहे, चाहें रोटी आधी ही मिल जाए। उसकी आधी रोटी पर भी निगाह रखोगे तो ग़ज़ब हो जाएगा। सोने के अंडे देने वाली मुर्गी को हलाल कर सकते हो, उसमें सिर्फ माली नुकसान है। लेकिन जनता मुर्गी नहीं है सरकार…मैं चाहता हूं कि आप देखें, देश के लिए…चश्मा हटा कर देखें कि वो भरोसा दरक रहा है। और बहुत तेजी से दरक रहा है।
बच्चों की आपसी लड़ाई मुजफरनगर बन जाती है क्योंकि चंद गद्दार लोगो ने झूठे वीडियो झूठी बातें बनाकर, अवाम का कानून से भरोसा उठाने में मदद की। अपने दो पैसों के लिये आपने कितना नुकसान किया, इसका अंदाजा देश को जिस दिन हो जाए तो कानून पर जनता का उठा हुआ वही विश्वास, आपकी वो दुर्गति करेगा कि इतिहास याद रखेगा । किसी भगवान अल्लाह में विश्वास है, तो उसके लिये देखिये एक नमक ने सरकार की साख की धज्जियां उड़ा दी है। जनता को भरोसा नहीं है कि सरकार उन्हें नमक भी मुहैया करा सकती है।
बहुत भयानक हालात है। बजाय मरीजो का मखौल बनाने के बीमारी पर ध्यान दीजिये। अगर आपके बस में है तो बीमारी को बढ़ने से रोकिये । ज़ी न्यूज़ जैसे चैनल पर बैन लगाइए। अवाम चिप ढूंढ रही है। कागज के टुकड़ों और देश की मुद्रा में जो फर्क है वो फर्क खत्म होता जा रहा है…उसे रोकिये। देश की मुद्रा के बारे में अफवाह फैलाने वाले को सख्त सजा दीजिये।
मेरे अंदर की बेचैनी और गरीब लोगो के लिये दर्द आपसे हाथ जोड़ विनती करने पर मजबूर कर रहा है कि इस खेल को रोकिये। बावजूद इसके कि मुझे पता है, मेरी अर्जी की आपके लिये दो कौड़ी की भी कीमत नहीं है। फिर भी कह रहा हूँ नमक को पहचानिए…वो नमक ही था, जिसकी वजह से पूरे देश ने पूरी दुनिया जीतने वाली अंग्रेजो की बजाय एक बूढ़े इंसान पर भरोसा जता दिया था। सारी बंदूकें और सारी तोपें देखती रह गई थी। बहुत कुछ लिखना चाहता हूं पर लिख नहीं पा रहा। हालात ठीक नहीं है। नमक वालो का मजाक मत उड़ाइये, जिन्होंने अफवाह उड़ाई थी, उन्हें पकड़ के सख्त सजा दीजिये, ताकि अवाम का विश्वास लौटे। जो आधे भक्त हैं, देश के लिए नहीं तो आपके भगवान् के लिये अफवाहों का विरोध कीजिये। दिमाग़ पे जोर डालिये कोई चीज शेयर करने से पहले। विरोधी भी एक बार सिर्फ एक बार देख लीजिए कि आप किस स्तर पे खड़े है? अगर किसी लड़की की फोटो मोदी विरोध के कारण आपको शेयर करने में शर्म नहीं आती तो बिना शर्म के ही सही पर डूब मरिये। कार्टून व्यंग्य की सबसे मारक विधा है इसे दो कौड़ी की फोटो शॉप में मत बदलिये।
अगर संभव है, तो उस संभव संवाद की सूरत खत्म मत कीजिये