नई दिल्ली। केंद्र के नोटबंदी के फैसले से आम जनता को कई दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जहां नोटबंदी को आज (22 नवम्बर) 15 दिन हो गए हैं वहा अभी भी लोगों कि मुसीबत कम होती नजर नहीं आ रही है।
नोटबंदी के बाद जहां बैंकों के बाहर लोगों कि भीड़ दिख रही है वहीं उन भीड़ में कई हादसे के शिकार भी हुए है। नोटबंदी के फैसले से अब तक कई लोगों कि जान भी चली गई है। तो कई लोगों ने इस फैसले से हाताश होकर अपनी जान देना सही समझा। लेकिन ग्वालियर में नोटबंदी के बाद से नए नोट पाने के लिए कतारों में लोगों के साथ-साथ पुलिस वाले अपने जान पहचान वालों को भी राहत दें रहे हैं।
आपको बता दें कि नोटबंदी के दौरान बैंक या पुलिसकर्मी परिचितों को लाभ पहुंचा रहे हैं। ऐसे में लोग पुलिसकर्मी से आम जनता कुछ बोल नहीं पाती लेकिन सोमवार को लाइन में लगे एक फौजी ने पुलिस की ऐसी ही कोशिश का विरोध किया, तो पुलिस ने उसकी पिटाई कर दी।
लाइन में लगे फौजी की पुलिस ने की पिटाई
आपको बता दें कि मुरैना के अंबाह कस्बे में SBI से पैसे निकालने आए फौजी दिनेश की तैनात पुलिसकर्मी से बहस हो गई। वहीं बैंक के सामने पैसे निकालने के लिए लोगों की लंबी कतार लगी थी। जैसे ही फौजी की बारी आई वहां तैनात पुलिसकर्मी ने अपने किसी मित्र को बगैर लाइन में लगाए फौजी के आगे खड़ा कर दिया।
इसी बात का फौजी ने विरोध किया तो पुलिसकर्मी एसडी मिश्रा और थाना प्रभारी ने उसके साथ मारपीट कर दी। इस मामले पर भीड़ ने बताया कि फौजी के भाई का पिछले हफ्ते निधन हो गया था, फौजी उन्हीं की तेरहवीं के लिए सामान खरीदने के लिए पैसे निकालने आया था।
Courtesy: National Dastak
पुलिस के इस तरह के व्यहवार से फौजी कि बिना कारण पिटाई को लेकर भीड़ आक्रोश में आ गई, और पुलिस बड़ी मुश्किल से हालात संभाल पाई। भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस ने लाठियां भी चलाईं।
इस मामले में शिकायत करने गए फौजी की पुलिस व जिला प्रशासन के अफसरों ने कोई सुनवाई नहीं की। आखिरकार भाई की मौत से पहले से दुखी फौजी बिना कारण पिटने की टीस लिए अपने गांव वापस लौट गया।