नई दिल्ली। नोटबंदी केंद्र सरकार के लिए गले की हड्डी बनती नजर आ रही है। इसके नियमों को लेकर सरकार हर रोज बयान बदलती नजर आ रही है। एक दिन पहले 19 दिसंबर को 5000 रुपये से ऊपर की रकम एक ही बार में जमा कराने का निर्देश जारी किया गया था। इसमें कहा गया था कि अब तक रकम जमा क्यों नहीं कराई यह भी बताया जाए। लेकिन मंगलवार (20 दिसंबर) को जमा क्यों नहीं कराने के सवाल की शर्त को वापस ले लिया गया। टीवी रिपोर्ट्स के अनुसार अब 5000 रुपये से ज्यादा की रकम जमा कराने पर सवाल नहीं किया जाएगा।
गौरतलब है कि केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया(आरबीआई) ने 500 और 1000 रुपये पुराने नोटों को बैंकों में जमा कराने को लेकर 19 दिसंबर को नए निर्देश जारी किए थे। इसके तहत कहा गया था कि 5000 रुपये से ऊपर की रकम एक बार ही जमा कराई जा सकेगी। लेकिन 5000 रुपये से ज्यादा जमा कराने पर बैंक के दो अधिकारियों के सामने बताना होगा कि रकम पहले जमा क्यों नहीं कराई गई। जवाब संतोषजनक पाए जाने के बाद ही पैसा जमा किया जाएगा।
सरकार के इस नए फैसले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आठ नवंबर को किए गए एलान पर सवाल उठा दिया था। मोदी ने नोटबंदी की घोषणा करते हुए कहा था कि जल्दबाजी करने की जरुरत नहीं है 30 दिसंबर तक पैसे जमा कराए जा सकते हैं। नई नोटिफिकेशन जारी करते हुए आरबीआई ने कहा, ”यह सफाई ऑन रिकॉर्ड रखी जाएगी जिससे कि बाद में ऑडिट की जा सके। साथ ही कोर बैंकिंग सॉल्युशन को भी जानकारी देनी होगी।” वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया है, ”बैंकों से कहा गया है कि वे पूछें कि इस तरह के नोट पहले क्यों नहीं जमा कराए गए।”
आरबीआई ने कहा था कि 5000 रुपये से ज्यादा की नकदी नो योर कस्टमर से जुड़े खातों में ही जमा की जाएगी। यदि खातों को लेकर नो योर कस्टमर के तहत जानकारी नहीं दी गई है तो 50 हजार रुपये तक के जमा पर रोक लगाई जा सकती है। लेकिन यह नियम प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना पर लागू नहीं होंगे। इस नोटिफिकेशन की सफार्इ में वित्त मंत्रालय ने कहा कि बैंकों से भीड़ कम करने के लिए ऐसा किया गया है। ज्यादातर लोगों ने पुराने नोट जमा करा दिए हैं। गौरतलब है कि आठ नवंबर को 500 और 1000 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने का एलान किया गया था।