राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बड़े नेता पी पद्मकुमार ने संघ से अपने चार दशक पुराने सम्बधों को खत्म करते हुए CPI (M) से हाथ मिला लिया है। बताया जा रहा है कि वह केंद्र की बीजेपी सरकार के नोटबंदी फैसले से नाराज थे। इन दिनों पद्मकुमार संगठन के हिंदू एक्या वेदी में सचिव पद पर कार्य कर रहे थे।
केरल में संघ और अल्पसंख्यक वर्ग पर हिंसा की खबरें बहुतायात देखने को मिलती है। मीडिया रिर्पोटस् के अनुसार अपने चार दशक पुराने रिश्तों को संघ परिवार से तोड़ने के मुख्य कारणों में पी पद्मकुमार ने माना कि राजनैतिक हिंसा और बीजेपी व संघ के नोटबंदी के अमानवीय स्टैंड को लेकर उन्होंने मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी से जुड़ने का मन बनाया। रविवार को पी पद्मकुमार ने CPI (M) से के साथ औपचारिक अपने सम्बधों का खुलासा कर दिया।
इस पर मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव ने संघ से बाहर आने के कारणों पर बात करते हुए मीडिया को बताया कि,” बीजेपी और संघ के इस अमानवीय स्टैंड के चलते कितने परिवार अनाथ हो गए। संघ के राजनितिक हिंसा को लेकर अमानवीय रवैए और 1000 और 500 रुपए के नोट बंदी को फैसले के विरोध स्वरूप संघ परिवार से बाहर आने का निर्णय लिया।
Courtesy: Janta Ka Reporter