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नोटबंदी की मार: छत्तीसगढ़ में फ्री सब्जी बांटने को मजबूर किसान

रायपुर। छत्तीसगढ़ के रायपुर में सोमवार को किसान विरोध स्वरूप मुफ्त में सब्जी बाटेंगे। नोटबंदी से छाये मंदी के कारण किसानों को उनके उत्पाद का सही मूल्य नहीं मिल पा रहा है। किसानों ने तय किया है कि इससे बेहतर है कि एक दिन विरोध स्वरूप जनता को मुफ्त में सब्जियां बांटी जाये ताकि वे किसानों का दर्द समझ सकें। इस विरोध कार्यक्रम का आयोजन राजधानी रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल में प्रगतिशील युवा किसान संघ द्वारा आयोजित किया जा रहा है।

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धरना स्थल पर सोमवार को किसान 1 लाख किलो शिमला मिर्च, टमाटर, पत्तागोभी, बरबट्टी, लौकी, मिर्च तथा केला जनता को बाटेंगे। किसान संघ दरअसल 2 लाख किलो सब्जी 60 गाड़ियों में लाकर बांटना चाहता था परन्तु प्रशासन ने केवल 30 गाड़ी सब्जी बांटने की ही अनुमति दी है।
 
रायपुर के बूढ़ा तालाब स्थित धरना स्थल पर सुबह के 11 बजे से जनता को मुफ्त सब्जी बांटी जायेगी। एक व्यक्ति को केवल 5 किलो तक सब्जी दी जायेगी। इसके लिये किसान संघ ने घर से थैले लेकर आने का आव्हान् किया है। गौरतलब है कि इससे पहले छत्तीसगढ़ के दुर्ग तथा पत्थलगांव में किसानों ने सैकड़ों ट्रक टमाटर सड़कों पर उड़ेलकर अपना विरोध प्रदर्शन किया था। सोमवार को प्रगतिशील युवा किसान संघ मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी सौंपेगा।
 
छत्तीसगढ़ कि किसान नेता नंदकुमार कश्यप ने इस विरोध प्रदर्शन पर कहा है दरअसल किसान आम जनता को यह संदेश देना चाह रहे हैं कि वे तबाही के कगार पर पहुंच गये हैं। किसानों ने बीज, खाद व अपनी मेहनत से जिस फसल को तैयार किया है नगदी एवं चिल्हर की समस्या के कारण उसका सही मोल नहीं मिल पा रहा है। नोटबंदी के बाद से ट्रांसपोर्ट व्यवसाय भी ठप्प पड़ गया है इसलिये किसानों अपने फसल को बाहर भी नहीं भेज पा रहें हैं। किसानों की तबाही गांवों में गहराते आर्थिक संकट का संकेत है। जिसका राज्य के ग्रामीण अर्थव्यवस्था, किसानों की क्रयशक्ति पर विपरीत प्रभाव पड़ेगा।
 
Courtesy: National Dastak
 
उन्होंने कहा कि आज किसान मुफ्त में सब्जी बांट रहें हैं इसका अर्थ होता है कि उनके पास अगली फसल के लिये बीज, चारा तथा खाद किये पैसे नहीं हैं। आने वाले समय में राज्य में सब्जियों की कमी होगी इतना तय है। नंदकुमार कश्यप ने कहा आज जो रायपुर में हो रहा है दरअसल वह पूरे राज्य के किसानों के दर्द है। पूरे छत्तीसगढ़ के किसान व सब्जी उत्पादक इस बार भयंकर मंदी का सामना कर रहें हैं।
 
छत्तीसगढ़ के एक और किसान नेता आनंद मिश्रा का कहना है कि आज के विरोध प्रदर्शन के बाद क्या होगा वह ज्यादा महत्वपूर्ण है। यही किसान इसके बाद किसानी से तौबा करने लगेंगे। पलायन करने के लिये मजबूर हो जायेंगे, कहीं मजदूरी करने लगेंगे। यदि अन्न उत्पादकों को, सब्जी उत्पादकों को बाजार की मंदी से सुरक्षा प्रदान नहीं की जाती है तो राज्य धीरे-धीरे खाद्य संकट की बढ़ता जायेगा। आज किसानों को कैश चाहिये जिससे भविष्य में उत्पादन को जारी रखा जा सके। यदि वे ही तबाह हो जायेंगे तो निकट भविष्य में सब्जी कौन उगायेगा, जनता कहां से सब्जी खरीदेगी?
 

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