नई दिल्ली। विधानसभा चुनाव से पहले हर पार्टी के उम्मीदवार अपनी-अपनी पार्टियों की अच्छी-अच्छी बातें करने लगे हैं। हर कोई अपनी पार्टी के लिए जी जान लगा देना चाहता है। इसी को देखते हुए पंजाब के अमृतसर नार्थ से टिकट पाने वाले बीजेपी के अनिल जोशी आम लोगों से अपील कर रहे हैं कि उनकी पार्टी के द्वारा नोटबंदी का लिया हुआ फैसला लेने के लिए वह जिम्मेदार नहीं है और इसकी सजा उन्हें ना दी जाए। आपको बता दें कि वर्तमान सरकार में स्थानीय निकाय मंत्री अनिल जोशी ने नोटबंदी के निर्णय के लिए भाजपा सरकार को जिम्मेदार ठहराते हुए अपने आप को इससे अलग कर लिया।
जोशी ने मेडिकल एंक्लेव में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा, “मेरा कार्यकाल खत्म हो गया है। अब आबकी बारी है। बाहर जाईए और लोगों को मुझे वोट डालने के लिए समझाइए। कुछ लोग कहेंगे कि वह नोटबंदी की वजह से गुस्सा हैं। अब इसमें कुछ नहीं किया जा सकता। अनिल जोशी का इसमें (नोटबंदी) कोई हाथ नहीं है। जोशी आपके अधिकारों के लिए सरकार और सिस्टम से लड़ता रहेगा।”
जब जोशी से पूछा गया कि क्या वह नोटबंदी से हुए असर से चिंतित हैं, इसपर उन्होंने कहा, “असर अब खत्म हो गया है। 80 से 90 फीसदी प्रभाव पूरा हो चुका है। फिर भी, मैने लोगों के संदेह को साफ कर दिया है।” बता दें कि कैंपेन पोस्टर में खुद को विकास पुरुष के तौर पर पेश करने वाले जोशी पर उन्हीं के पार्टी नेताओं का आरोप है कि जोशी ने स्थानीय निकाय विभाग का पैसा राज्य के अन्य क्षेत्रों के मुकाबले से खुद के निर्वाचन-क्षेत्र में ज्यादा खर्च किया।
वहीं, अमृतसर नार्थ विधानसभा में नई सड़कें, पुनर्निर्मित पार्क, फुटपाथ, फाउंटेन, साइकिल ट्रैक, सीवेज सिस्टम, स्ट्रीट लाइटिंग, नालियों को बेहतर तरीके से बनाने जैसे काम किए गए हैं। इनमें से अधिकतर काम पिछले एक साल में पूरे हुए हैं। जोशी का भाजपा की सहयोगी पार्टी अकाली दल के साथ मनमुटाव चलता आ रहा है।
वोट मांगने के लिए जोशी राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का नाम तक भी इस्तेमाल नहीं कर रहे। उनका कहना है, “मेरी लड़ाई योग्यता, सच्चाई और न्याय को लेकर है और मैं लोगों के लिए लड़ता हूं। मैं आंखे बंद करके नहीं रह सकता और लोग यह जानते हैं।”
Courtesy: National Dastak