नई दिल्ली। झारखण्ड में नोटबंदी ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं। बैंक से फीस के लिए जरूरत के अनुसार नगद न मिल पाने के कारण बुधवार रात एमजीएम थाना क्षेत्र के अंतर्गत बेताकोचा गांव की छात्रा बिंदू सिंह ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह सालबनी स्थित स्वामी विवेकानंद बीएड कॉलेज में प्रथम वर्ष में पढ़ाई कर रही थी।
जमा किए 35 हजार, मिले मात्र पांच हजार
हिंदुस्तान की रिपोर्ट के अनुसार, छात्रा के भाई विक्रम सिंह के अनुसार बिंदू को 70 हजार रुपये 9 दिसंबर तक कॉलेज में जमा करने थे। इसमें से उसने 40 हजार रुपये जमा कर दिए थे। शुक्रवार को 30 हजार रुपये और जमा करने थे। कुछ दिनों पहले 35 हजार रुपये के पुराने नोट उसने ग्रामीण बैंक में जमा किए थे। उसको उम्मीद थी कि बैंक से उसे शेष तीस हजार रुपये मिल जाएंगे। इसके लिए बुधवार को वह बैंक में रुपये निकालने गई। वहां उसे पांच हजार रुपये ही नगद मिले। उसके बाद वह दुखी मन से घर आई और रात में फांसी लगाकर जान दे दी।
भाभी पढ़ाना चाहती थी
बिंदू का परिवार आर्थिक रूप से कमजोर है। घर के लोग ईंट-भट्ठा में काम करते हैं। बिंदू भी कभी-कभी भट्ठे में काम मजदूरी किया करती थी। विक्रम की पत्नी अपनी ननद को पढ़ाना चाहती थी। इसलिए उसका दाखिला पहले लोन लेकर किया था। प्रथम वर्ष में पास होने के बाद दूसरे वर्ष की उसे फीस जमा करनी थी।
इस तरह की कोई बात नहीं है। फीस में जो नगद देना चाहे वह नगद दे सकता है और जो चेक देना चाहे, चेक जमा करे। कोई आर्थिक तंगी की बात करता है तो हम लोग मदद के लिए भी तैयार रहते हैं।
-एसके विश्वास, स्वामी विवेकानंद बीएड कालेज
आर्थिक तंगी के कारण छात्रा ने आत्महत्या की है। परिवार वाले काफी गरीब हैं। परिजन जैसा आवेदन देंगे, उसके हिसाब से आगे की कार्रवाई की जाएगी।
Courtesy: National Dastak