नई दिल्ली। 8 नवंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा कि थी 500 और 1000 के पुराने नोट अब नहीं चलेंगे। इसके साथ ही पुरानी करेंसी 31 दिसंबर तक बैंक में जमा करने को कहा गया था।
मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले पर रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर विमल जालान ने टाइमिंग और उसके लागू करने के तरीके पर सवाल उठाए हैं। विमल जालान अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान 1997 से 2003 के बीच गवर्नर रहे।
मंगलवार को विमल ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा कि नोटबंदी के लिए सरकार के पास अच्छा कारण होना चाहिए था। विमल ने कहा,‘जब आप किसी भी लीगल टेंडर को बंद करते हैं तो उसके पीछे कोई सही कारण होना चाहिए। जैसे युद्ध या फिर सुरक्षा का खतरा। लोगों के बीच यह संदेश जाना जरूरी है कि नोटबंदी से क्या मिलेगा और उसे क्यों किया जा रहा है। सरकार को लोगों को यह जरूर बताना चाहिए कि यह इस वक्त पर ही क्यों किया जा रहा है।’
साथ ही जालान ने नोटबंदी के प्लान को सीक्रेट रखने पर भी सवाल खङे किए। उन्होंने कहा, ‘प्लान को सीक्रेट रखने का कोई मतलब नहीं था। उनके मुताबिक आपातकाल की स्थिती में ऐसा किया जा सकता था। लेकिन अभी इसे सर्जिकल स्ट्राइक की तरह छिपाकर करने की जरूरत ही नहीं थी। साफ होना चाहिए था कि एक हफ्ते, दो हफ्ते या तीन हफ्ते में ऐसा किया जाएगा।’जालान ने यह भी कहा कि वह मानते हैं कि कालेधन को देश की वित्तीय प्रणाली में शामिल करना चाहिए। लेकिन उन्होंने कहा सबके पास ही काला धन नहीं है। जालान के मुताबिक, नोटबंदी के प्लान को इस तरीके से बनाया जाना चाहिए था जिससे कालाधन ना रखने वाले कम से कम प्रभावित हों।
Courtesy: National Dastak