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नोटबंदी से गई रिक्शा चालक की जान, पत्नी ने मोदी, जेटली और उर्जित पटेल के खिलाफ दी तहरीर

 
कासगंज। नोटबंदी से अब तक 70 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसके बाद से लोगों का सरकार के प्रति गुस्सा बढ़ता जा रहा है। खासतौर पर मजदूर वर्ग नोटबंदी के कारण बुरी तरह परेशान है। गोरखपुर में तो दिहाड़ी मजदूर इस कदर मजबूर हो गए हैं कि एक हजार रुपये के लिए नसबंदी करा रहे हैं। नोटबंदी के कारण कासगंज में एक रिक्शा चालक की मौत हो गई। इसके बाद उसकी पत्नी ने सरकार के खिलाफ तहरीर दी है। 

दरअसल नोटबंदी के चलते इलाज के अभाव में एक रिक्शा चालक की मौत हो गई। मृतक की पत्नी ने पति की मौत के लिए मोदी सरकार, आरबीआई गवर्नर और स्थानीय बैंक प्रबंधक को जिम्मेदार ठहराया। उसका का आरोप है कि उसका पति बीमार था। पुराने नोट होने के कारण उसका इलाज नहीं हो सका। जिससे उसकी मौत हो गई। मृतक के पत्नी ने पीएम मोदी, आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल और स्थानीय एसबीआई बैंक प्रबंधक के खिलाफ थाने में तहरीर दी है। 


 
जानकारी के मुताबिक, गंजडुंडवारा थाना क्षेत्र के गांव सुजवालपुर नई बस्ती में मुज्जमिल किराये के मकान में अपनी पत्नी खुशनुमा और अपने चार बच्चों के साथ रहता था। मुज्जमिल रिक्शा चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करता था। बीते दिनों मुज्जमिल की तबीयत बिगड़ गई। नोटबंदी के कारण पत्नी खुशनुमा अपने पति का उचित इलाज नहीं करा सकी। दो दिनों तक वो बैंक के चक्कर काटती रही, लेकिन पुराने नोट नहीं बदले गए। 
 
जब बैंक में रुपए नहीं बदले गए तो मोहल्ले के लोगों ने चंदा कर रुपए इकट्ठा किए और मुज्जमिल को हाथरस के एक अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन यहां उसकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई। जिसके बाद डॉक्टरों ने उसे अलीगढ़ रेफर कर दिया, लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले उसकी मौत हो गई। मुज्जमिल की मौत के बाद खुशनुमा और उसके बच्चों का रो रोकर बुरा हाल है। 

Courtesy: National Dastak 

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