नई दिल्ली। केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद आम लोगों को कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ा रहा है। तमाम विपक्षी पार्टियों, आर्थिक जानकारों सहित बहुत से आम लोग भी पीएम मोदी के इस फैसले की आलोचना कर रहे हैं। अब इसमें एक नया नाम जुड़ गया है और वह नाम है भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गर्वनर रघुराम राजन का। मीडिया में आई रिपोर्ट के अनुसार रघुराम राजन नोटबंदी के पक्ष में नहीं हैं।
आपको बता दें कि रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन इससे पहले भी नोटबंदी को लेकर अपनी आशंकाएं सार्वजनिक रूप से व्यक्त कर चुके हैं। सन् 2014 में भी उन्होंने इस पर अपनी राय रखते हुए कहा था कि चालाक लोग इससे बचने का रास्ता निकाल लेंगे।
राजन के अनुसार इससे बचने का एक तरीका ये हो सकता है कि जिन लोगों ने बड़े नोट इकट्ठे कर रखे हैं वो उन्हें छोटे नोटों में बदल लेंगे जिससे उन्हें बदलना आसान हो जाएगा। राजन मानते हैं कि नोटबंदी किए जाने पर कालाधन रखने वाले बड़े नोटों से सोना खरीद सकते हैं जिसे पकड़ना और मुश्किल हो जाएगा।
राजन के अनुसार सरकार को नोटबंदी के बजाय भारतीय कर व्यवस्था को बेहतर बनाने पर ध्यान देना चाहिए। राजन ने बताया कि अमेरिका में अधिक आय वालों पर 39 प्रतिशत तक कर लगता है, इसके अलावा वहां के राज्य भी अलग से टैक्स लगाते हैं। जबकि भारत में ये दर अधिकतम 33 प्रतिशत है। राजन ने कहा था कि हमारे यहां टैक्स कई औद्योगिक देशों से कम है।
काला धन जमा करने वालों पर बोलते हुए राजन ने कहा था कि मैं लेन-देन पर ज्यादा निगरानी रखने और जहां लोग अपनी आय घोषित नहीं कर रहे हैं वहां बेहतर कर प्रबंधन पर जोर देता है। मेरे ख्याल से आधुनिक अर्थव्यवस्था में पैसे छिपाना आसान नहीं है।
Courtesy: National Dastak