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नोटबंदी: Uttar Pradesh News Round Up (December 18 and 19, 2016)

Bulandshahr, December 19

एटीएम कैशलेस, ग्राहक लौटे मायूस- Amar Ujala

रविवार को एटीएम कैशलेस रहे। इससे ग्राहकों में आक्रोश भी देखा गया। वहीं आज सोमवार को बैंक खुलने पर लंबीलंबी लाइनें लगने की उम्मीद है।  बता दें कि पिछले एक सप्ताह से जिले के अधिकतर बैंकों में पर्याप्त कैश नहीं है। कही ग्राहकों को दो हजार तो कहीं चार हजार रुपये दिए जा रहे हैं।

रविवार को भी लोगों को रुपये के लिए एटीएम के चक्कर लगाते देखा गया। स्थिति यह रही कि सुबह  से शाम तक एटीएम कैशलेस रहे।

अंसारी रोड एटीएम
अंसारी रोड स्थित पीएनबी, इलालाबाद बैंक और इंडियन ओवरसीज के एटीएम पर सुबह ही रुपये खत्म हो गए। इन एटीएम पर ग्राहकों को चक्कर लगाते देखा गया और रुपये नहीं मिलने पर वह मायूस लौटे।

डीएम रोड एटीएम
डीएम रोड पर पीएनबी सहित कई बैंकों के एटीएम हैं। मगर, दोपहर तक लगभग सभी कैशलैश हो गए, जिसके चलते लोगों को घंटों लाइन में लगने के बाद मायूस लौटना पड्ऱा।

काली नदी रोड एटीएम
काली नदी रोड पर पीएनबी सहित कई बैंकों के एटीएम हैं। यह एटीएम भी सुबह 10 बजने से पहले ही कैशलैश हो गए। जिसके चलते  लोगों को परेशानी का सामना       करना पड़ा।

भूड़ रोड एटीएम
नगर के भूड़ रोड पर भी कई बैंकों के एटीएम में समय से पहले रुपये खत्म हो गए। कंचन सिंह और मदन का कहना था कि आज उन्हें रुपयों की सख्त जरूरत थी, मगर किसी भी एटीएम पर रुपये नहीं मिले।

लल्लाबाबू चौराहा एटीएम
लल्लाबाबू चौराहे पर स्थित स्टेट  बैंक के एटीएम में भी सुबह 11 बजे तक रुपये खत्म हो गए। यहां सुबह से लोगों की लाइन लगी थी। रुपये नहीं मिलने पर लोगों में रोष देखने को मिला।
 


 

Bulandshahr, December 19

नहीं बंटा कैश, बैंक के गेट पर जड़ा ताला

15 दिनों से कैश मिलने की आश में रोज सवेरे आकर लाइन में लग रहे लोगों का गुस्सा शुक्रवार को फूट पड़ा। आक्रोशित लोगों ने बैंक के गेट पर ताला जड़ दिया और बैंक कर्मियों को बैंक के अंदर बंधक बना लिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने लोगों को समझाबुझाकर किसी तरह शांत किया और ताला तुड़वाकर कर्मचारियों को मुक्त कराया।

नगर के बैंक ऑफ इंडिया के बाहर लाइन में खड़े  विनोद कुमार, सोमवीर, इरशाद, हरी किशवर सिंह, ठाकुर बास, राहुल, चरणदास, रेखा, लाली, शगुफ्ता, सुषमा, कृष्णा शर्मा, आदि ने बताया कि बैंक के बाहर लाइन में खड़ा होने वाला हर आदमी कोई मजदूरी करता है। कोई फैक्ट्री में नौकरी करता है। किसी का अपना छोटा मोटा कारोबार है। कोई प्राथमिक विद्यालयों की रसोई में खाना बनाता है।

पिछले 15 दिनों से सभी करेंसी मिलने की आस में सभी अपना काम छोड़कर सवेरे ही बैंक की लाइन में लग जाते है। वहीं बैंक अधिकारी बैंक खुलते ही नोकैश का नोटिस चस्पा कर देते है।
शुक्रवार को बैंक कर्मचारियों ने जैसे ही ना ेकैश का नोटिस चस्पा किया तो लाइन में लगे लोगों ने हंगामा करते हुए बैंक के गेट पर ताला जड़कर कर्मचारियों को बैंक के अंदर बंधक बना लिया।

सूचना पर पहुंची पुलिस ने बड़ी मुश्किल से लोगों को समझाबुझाकर शांत किया और बैंक का ताला तुड़वाकर कर्मचारियों को मुक्त कराया।

नगदी न मिलने पर पीएनबी गेट पर हंगामा
 पंजाब नेशनल बैंक सब्जी मंडी शाखा में दो दिन से कैश नहीं पहुंचने से आक्रोशित लोगों ने शुक्रवार सुबह बैंक गेट पर ताला जड़ दिया। इसके बाद जब कर्मचारी बैंक पहुंचे तो अंदर नहीं जाने रोक दिया। साथ ही बैंककर्मियों पर मनमाने तरीके से कैश बांटने का आरोप लगाते हुए हंगामा किया। सूचना पर पहुंचे प्रभारी निरीक्षक उदयवीरसिंह ने लोगों को समझा बुझाकर बैंक गेट का ताला खुलवाया।

शुक्रवार को पीएनबी, एचडीएफसी, इलाहाबाद, केनरा आदि बैंको में कैश नहीं आया। जिससे लोग काफी इंतजार के बाद घर लौटने को मजबूर हुए। पीएनबी के प्रबंधक शरद कुमार ने बताया कि बैंक रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार लेनदेन का काम कर रहा है। कांग्रेस नेता पद्मा चतुर्वेदी ने कहा कि लाइनों में लगने के बाद लोग बिना कैश लिये लौटने को मजबूर हो रहे हैं।

कैश के लिए करेंसी चेस्ट को मैल की गई थी। चेस्ट के अधिकारियों ने 21 दिसंबर तक कैश नहीं मिलने की बात कही है।
-एके सक्सेना, मैनेजर, बैंक ऑफ इंडिया।

कैश नहीं मिलने पर कुछ लोगों ने बैंक ऑफ इंडिया पर हंगामा किया था। जिन्हें समझाबुझाकर शांत कर दिया गया।
 -जितेंद्र कुमार, कोतवाल

शोपीस बनकर रह गए शहरदेहात के एटीएम
44 करोड़ रुपये बुलंदशहर को मिलने का एटीएम पर कोई असर नहीं पड़ा। नगर के अधिकांश एटीएम कैशलेस दिखे। ऐसे में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा। जबकि शहर और देहात के लोग बैंकों और एटीएम की लाइन में लगे हैं। खाली एटीएम ने आम आदमी को कैसा दर्द दिया इसका हाल जानने के लिए अमर उजाला टीम एटीएम पर पहुंची।

पैसा नहीं मिलने पर भड़के सफाईकर्मी
कई दिन कतार में खड़ा रहने के बावजूद खाते से वेतन ना निकलने और बैंक प्रबंधक की अभद्रता से आजिज नगर के सफाई कर्मचारियों ने बैंक के सामने हंगामा और नारेबाजी की। कर्मचारियों ने नगर में व्यवस्था के खिलाफ जुलूस निकाला और बैंक के बाहर अनिश्चितकालीन धरना दिया। पुलिस ने प्रबंधक से आश्वासन दिलाकर धरना समाप्त कराया।

सफाईकर्मी संघ के धरने को किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष कामरेड डीपी सिंह, जिला सचिव जगबीर सिंह भाटी और सीपीएम के सचिव चन्द्रपाल सिंह ने भी समर्थन दिया। हंगामा और नारेबाजी बढ़ने के बाद सूचना पर पुलिस मौके पर पहुंची और मामला शांत करा दिया। पुलिस की मध्यस्था के बाद बैंक प्रबंधक ने सफाईकर्मियों को दो दिन के भीतर वेतन देने का आश्वासन दिया है।

इस मौके पर चेयरमैन ने महामहिम राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन शाखा प्रबंधक को दिया। बैंक प्रबंधक वेदराम सिंह ने बताया कि कैश कम आ रहा है पैसा निकालने वाले ग्राहक अधिक हैं। इन परिस्थितियों में सभी ग्राहकों  संतुष्ट नहीं किया जा सकता ।

धरने में नानक सिंह वाल्मीकि, राजकुमार, बिहारी सिंह, शीशपाल सिंह, रानी देवी, रजनी सिंह, लक्ष्मी देवी, राज बाला, संतोष कुमारी, दयावती, पुष्पा देवी, कामरेड रतन सिंह, आशिक अली, कासिम चौधरी, राजू मलिक , बाबू कुरैशी, सुशील सक्सेना,
हरेंद्र सिंह, निजाम अली, बुद्धि लोधी सहित काफी लोग मौजूद थे।
 


Bulandshahr, December 19

नंबर आने पर कैश खत्म सदमे से हार्ट अटैक, मौत

इलाज के लिए कई दिन तक पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) पर लाइन में लगा लेकिन कैश नहीं मिला। शनिवार को घंटों लाइन में लगने पर जब नंबर आया तो कैश खत्म हो गया। बेहद मायूसी में घर लौटे मेहनतमजदूरी करने वाले 40 साल के शरीफ कुरैशी की शाम हो तबियत बिगड़ गई। पैसे न होने के चलते उसे इलाज नहीं मिल सका। बुलंदशहर लाते वक्त उसकी मौत हो गई।

अब प्रशासन जांच और बैंक प्रबंधन उसके बैंक ही नहीं पहुंचने की बात कह रहा है।  गलियों में फेरी लगाकर दरी बेचने वाले गांव मलकपुर निवासी शरीफ कुरैशी (40) पुत्र इस्माइल दिल के मरीज हैं। बुलंदशहर के हृदयरोग विशेषज्ञ से उनका इलाज चल रहा है। वे कई दिन से दिल्ली जाकर इलाज कराना चाह रहे थे। इसके लिए नई करेंसी हासिल करने के लिए वे कई दिनों से बैंक के चक्कर लगा रहे थे।

शनिवार को पीएनबी में पुलिसकर्मियों को बीमारी का हवाला देकर एंट्री की गुहार लगाई लेकिन किसी ने उनकी नहीं सुनी। बाद में लंबी लाइन में इंतजार कर जब वे बैंक में पहुंचे तो कैश खत्म हो गया। इससे वे बेहद मायूस और हताश हो गए। घर जाने पर उनकी हालत बिगड़ गई। पैसा न हो पाने के कारण उन्हें इलाज नहीं मिल सका।

इलाज के लिए बुलंदशहर लाते वक्त उन्होंने दम तोड़ दिया। उसके छह बच्चे हैं। परिजनों ने प्रशासन से बच्चों की गुजरबसर के लिए आर्थिक मदद की गुहार लगाई है।  जिला पंचायत सदस्य रजनी गौतम के पति व बसपा जिला प्रभारी विजय गौतम ने मृतक के परिवार को  सांत्वना दी है।

किसान और व्यापारी भी परेशान
कैश की किल्लत से किसान भी परेशान हैं। अनाज मंडी में धान की उपज लेकर आने वाले किसानों को व्यापारी नगद भुगतान नहीं दे पा रहे हैं, जिसके कारण वो फसल के परिवहन पर होने वाला खर्चा भी नहीं निकाल पा रहे हैं।  वहीं दूसरी तरफ बीज और खाद के रुपये न होने के कारण उनके सामने रबी की फसल का संकट खड़ा हो गया है।

इस संबंध मे व्यापारियों रविंद्र बौली, जयेश अग्रवाल, नवीन बंसल, पप्पू चौधरी, अनूप गोयल आदि का कहना है कि वह भी कैश न होने के कारण परेशान है । मामला संज्ञान में है। तहसीलदार को सही तथ्यों की जानकारी करने के लिए गांव भेजा गया है। मृतक  के परिवार के साथ सहानुभूति है।  नियमानुसार पीड़ित परिवार को मदद की जाएगी। भैरपाल सिंह, एसडीएम

शरीफ बैंक से  पेंमेंट  लेने नहीं आया। लाइन में लगे जिन लोगों ने अपनी बीमारी की बात बताई थी, उन्हें प्राथमिकता से भुगतान किया गया हे। आनंद भूषण, प्रबंधक, पीएनबी 
 


Vrindavan, December 19

हाथ-पैर में बेड़ियां, मुंह में घास दबाकर नोटबंदी के विरोध में प्रदर्शन: Hindustan

राष्ट्रीय लोकदल के नेता ताराचंद गोस्वामी ने बेड़ियां पहन कर और घास खाकर कार्यकर्ताओं के साथ शनिवार को चुंगी चौराहा पर केंद्र सरकार की नोटबंदी का विरोध किया।

शनिवार दोपहर को राष्ट्रीय लोकदल के नेता ताराचंद गोस्वामी ने हाथों और पैरों में बेड़िया पहन कर और घासकर नोटबंदी को लेकर विरोध प्रदर्शन किया। उनके साथ दर्जनों कार्यकर्ताओं ने भी केंद्र सरकार के विरोध में नारेबाजी की। रालोद नेता ने कहा कि देश में आधी आबादी से ज्यादा किसान, मजबूर, छोटे व्यापारी रहते हैं। उन्होंने मोदी सरकार से मांग की है कि पकड़े जाने वाले रुपयों से किसानों का कर्जा, बिजली का बिल माफ किया जाए।

प्रदर्शन करने वालों में अनु शर्मा, संजू चौधरी, मीना चौधरी, पवन शर्मा, मुकेश, गंगाराम, देवी सिंह, विपतीराम बघेल, शिवानंद स्वामी, बाबूलाल, नीरज गोस्वामी, अर्जुन शर्मा, रुपा शर्मा, सुरेश घाटवाला, लोकेश शर्मा, दीपक गुप्ता आदि उपस्थित थे।
मोदी के विरोध में नारे सुन महिला को आया गुस्सा

वृंदावन। पानीगांव निवासी वीरमती अपने नाती के साथ पैदल बाजार से गांव जा रही थी। इस दौरान मोदी के विरोध में लग रहे नारों को सुन वह रुकी और प्रदर्शन करने वाले रालोद कार्यकर्ताओं के बीच जाकर मोदी सरकार का पक्ष रखने लगी। उसने कहा कि उसके पास दो रुपये हैं। वह काफी है और खुश है। जिनके पास रुपए हैं, वे अधिक रुपये के लिए परेशान हो रहे हैं। पहले देश के जवान सीमा पर मरते थे, लेकिन मोदी के आने पर अब दुश्मन मारे जा रहे हैं। प्रदर्शन करने वाले नेतागिरी कर रहे हैं। इस दौरान महिला के आसपास मौजूद युवाओं ने उसकी वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर डाली और मोदी के नारे लगाने लगे।
 


Western UP/Baghpat, December 18

बैंक से नहीं मिले पैसे तो कर ली खुदकुशी

एनबीटी न्यूज बागपत : आर्थिक तंगी से जूझ रही महिला को बैंक लाइन में लगने के बावजूद पैसे न मिलने से निराश उसके बेटे ने कथित तौर पर खुदकुशी कर ली। वहीं, बैंक की लाइन में लगी एक महिला बेहोश होकर गिर पड़ी। इस पर लोगों ने हंगामा किया। वहीं, बेटी की शादी के लिए कई दिन बैंकों के चक्कर काटने के बावजूद पैसे नहीं मिलने पर हताश एक शख्स की हार्ट अटैक से मौत हो गई।

रटौल गांव निवासी सितारा से उनका बेटा दिलशाद (18) कई दिनों से पैसे की मांग कर रहा था। सिंडिकेट बैंक की लाइन में लगने के बावजूद उन्हें पैसे नही मिले। इस बात से दुखी दिलशाद ने शनिवार सुबह खुदकुशी कर ली। इसी गांव के सिंगौली निवासी बबीता (45) बैंक की लाइन में बेहोश होकर गिर पड़ी। इस बात से नाराज ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। वहीं, बड़ौत तहसील क्षेत्र के शेखपुरा गांव निवासी मजदूर यामीन (55) के बेटे अहसान की 21 दिसंबर को शादी होनी थी। लेकिन कई दिन बैंक की लाइन में लगने के बाद भी पैसे नहीं मिले। बताया गया है कि शुक्रवार रात हार्ट अटैक से उनकी मौत हो गई। एसडीएम दीपाली कौशिक ने बताया कि पीड़ित परिजनों को मुआवजे के लिए शासन से सिफारिश की जाएगी।
 


 

Ferozabad, December 18

बैंक की लाइन में लगे शख्स की मौत

एनबीटी न्यूज, फिरोजाबाद : यहां बैंक की लाइन में लगे एक ग्रामीण की अचानक गिरने से मौत हो गयी। थाना नगला खंगर निवासी 32 साल के सुनील पुत्र श्रीकिशन सिरसागंज स्थित स्टेट बैंक की शाखा में रुपये निकालने के लिए सुबह से ही लाइन में लगए गए। काफी देर लाइन में लगने के बाद भी नंबर न आने पर उन्हें अचानक चक्कर आया और वह जमीन पर गिर पड़े। मौके पर मौजूद अन्य लोगों ने उन्हें उठाया लेकिन उनकी मौत हो चुकी थी।


 

Bulandshahr, December 18

बैंक में जबरन घुसने से रोका तो कॉन्स्टेबल की पिटाई

एक संवाददाता, बुलंदशहर

यहां पीएनबी बैंक में लाइन में लगने को लेकर ग्रामीण महिलाओं ने जबर्दस्त हंगामा किया। इसके बाद बैंक के बाहर तैनात हेड कॉन्स्टेबल जसवीर सिंह की पिटाई कर दी। मामला बिगड़ता देख हेड कॉन्स्टेबल ने हवाई फायरिंग कर दी। बैंक के बाहर खडे कुछ लोगों ने पूरे मामले की विडियो बना ली।

मामला बुलंदशहर के अहार थाना क्षेत्र के गांव महोरसा का है। यहां सुबह 7 बजे से पीएनबी बैंक के बाहर कैश लेने के लिए ग्रामीणों की लाइन लगी हुई थी। बैंक के खुलने के बाद पुलिस ने लोगों को लाइन में लगना शुरू कर दिया। कुछ देर तो सब कुछ सही रहा, लेकिन गांव के दो-तीन लोगों ने बैंक में जबरदस्ती घुसने की कोशिश की। जब पुलिसकर्मियों ने उन्हें रोका तो गांव की कुछ महिलाओं ने हंगामा शुरू कर दिया। इस पर पुलिसकर्मी और बैंककर्मियों ने महिलाओं को समझाने का प्रयास किया और लाइन में लगने के लिए कहा। महिलाएं लाइन में लगने के लिए तैयार नहीं हुईं। इसी बात पर पुलिसकर्मी और महिलाओं के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। इसके बाद महिलाएं बैंक की दीवार फांदकर अंदर घुस गई और हेड कॉन्स्टेबल जसवीर सिंह की चप्पलों से पिटाई कर दी। जसवीर ने भी महिला को थप्पड जड़ दिया और गुस्साई भीड़ को हटाने के लिए दो राउंड हवाई फायरिंग की। फायरिंग की सूचना मिलने पर सीनियर अधिकारी मौके पर पहुंच गए। भीड़ के गुस्से को देखते हुए एसएसपी ने हेड कॉन्स्टेबल जसवीर सिंह को सस्पेंड कर दिया।
 


Meerut, December 18

नोटबंदी : महिलाओं की कोरचा रकम पर पड़ी मार

एनबीटी न्यूज, मेरठ
नोटबंदी के करीब एक महीना गुजरने के बाद घरेलू महिलाएं अपने आप को मानसिक रूप से असुरक्षित महसूस कर रही हैं। इसका कारण यह है कि घर खर्च के नाम पर हर माह पति से मिलने वाली रकम बंद हो गई। इन्हीं पैसों में महिलाएं अपने लिए कुछ बचाकर जमा कर लेती थीं। लेकिन अब ऑनलाइन हो रहे लेनदेन ने उनकी इस बचत पर डाका डाल दिया है। इससे वह अपनी मामूली जरूरतों के लिए भी पति पर निर्भर हो गई हैं। अब तक पांच सौ और हजार के नोट के रूप में जोड़ी गई उनकी जमा पूंजी भी बैंक में चली गई है।

पति से घर खर्च के नाम पर लिए पैसों से कुछ पैसे का कोरचा करना ( बिना जानकारी के कुछ पैसे बचा लेना) गृहणियों आदत में शुमार रहा है। ऐसा नहीं है कि ये पैसे वे आराम से बचा लेती थी। इसके लिए वे कुशल ढंग से घर का प्रबंधन किया करती थीं। इन बचे हुए पैसों से वे अपनी छोटी-मोटी जरूरतें पूरी कर लिया करती थीं। अचानक आई समस्या के समय ये पैसे घर के काम भी आ जाया करते थे। इन पैसे से महिलाओं में एक सुरक्षा का अहसास रहा करता था। लेकिन नोटबंदी के बाद से महिलाओं को पति से घर खर्च नहीं मिल पा रहा है।

मेरठ के अंसल कॉलोनी की रहने वाली हाउसवाइफ वंदना के पति डॉक्टर हैं। वंदना ने बताया कि उनके पति घर खर्च के लिए उन्हें 30 हजार रुपये हर महीने दिया करते थे। इसमें से वह करीब पांच हजार रुपये बिना पति की जानकारी के बचा लिया करती थीं। इस पैसे से वह अपने छोटे-मोटे खर्च कर लिया करती थी और बाकी पैसे को जोड़ती रहती थी। जरूरत पड़ने पर वह अपने पति को भी अपनी जमा पूंजी से इस शर्त पर रुपये दिया करती थीं कि वे दी गई रकम से ज्यादा वापस करेंगे। वंदना कहती हैं कि नोटबंदी के बाद से तो पति के पास कैश नहीं है। अब वह खरीदारी ऑनलाइन कर रहे हैं। इससे उनके बचत का एकमात्र साधन भी खत्म हो गया है। अब उन्हें लगता है कि हर मामूली जरूरतों के लिए वह पति पर आश्रित हो गई हैं।

गंगानगर निवासी हाउसवाइफ लता शर्मा के पति इंजीनियर हैं। उनका कहना है कि घर खर्च में से वह जो पैसे बचाया करती थीं, उन पर उनका अधिकार होता था। इसके अलावा घर के एक कमरे में रह रहे किराएदार से मिलने वाला किराया भी वह ही लिया करती थीं। इससे वे साल में अच्छी खासी रकम बचत कर लेती थीं। जिससे वे अपनी मनपसंद की चीजें बिना पति से पैसे लिए खरीद लिया करती थीं। लेकिन नोटबंदी के बाद अब सबकुछ बदल गया है। किराएदार भी कैश में किराया नहीं दे रहे हैं। ऐसे में हमारे हाथ अब पैसा ही नहीं आ रहा है, तो बचाने का सवाल ही कहा उठता है।
 


Sahranpur, December 18

नोटबंदी की कड़की में फिजूलखर्ची करने से पकड़े गए बैंक डकैत

सहारनपुर
नोटबंदी के ऐलान के बाद से बाकी देश को जिस तरह नकद पैसों की कमी का सामना करना पड़ रहा है, वही हाल सहारनपुर जिले के बेहाट तहसील का है। नकद पैसों की कमी के कारण किसानों को खाद और बीज खरीदने में परेशानी हो रही है। ठीक इसी तरह दुकानदार कम बिक्री से बेहाल हैं। ऐसे तंग समय में जब मलकापुर हुसैन गांव के चार युवा जमकर फिजूलखर्ची करते पाए गए, तो लोगों को शक हुआ। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस से संपर्क किया और बताया कि किस तरह उसी गांव में रहने वाले नासिर, राकेश, अफजल और टीटू हर रात घर से बाहर जाते हैं। यहां तक कि चारों ने हाल ही में साथ मिलकर एक कार भी खरीदी है। सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात यह थी कि कार की रकम का भुगतान उन्होंने 10 रुपये के नोटों में किया था।

पुलिस ने जल्द ही निसार को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ करने के दौरान पुलिस को पता चला कि चारों युवकों ने मिलकर 19 नवंबर को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की एक ग्रामीण शाखा में डाका डाला। चारों ने मिलकर वहां से 10 लाख रुपये चुराए। पूरी रकम 10 और 20 रुपये के नोटों में थी। हालांकि पुलिस को नासिर के पास से केवल 50,000 रुपये मिले, लेकिन उन्हें यकीन है कि बाकी तीनों आरोपियों को पकड़ने पर उन्हें सारे पैसे मिल जाएंगे। सहारनपुर के SP (ग्रामीण) राफिक अहमद ने बताया, 'इस केस ने बताया है कि आज के जमाने में भी अपराध पर नियंत्रण के लिए अपने आसपास पर नजर रखने के परंपरागत तरीके कितने कारगर हैं। गांव के पास रहने वाले हमारे एक खबरी ने बताया कि नासिर ने हाल ही में एक सेकंडहैंड कार खरीदी है और इसके लिए 10 रुपये के नोटों में भुगतान किया है। चूंकि नोटबंदी के बाद से ही यह पूरा गांव नकद रुपयों की कमी से जूझ रहा है, ऐसे में यह जानकारी मिलने पर हमें शक हुआ। जब हमने आगे जांच की, तो पाया कि नासिर अपने तीन दोस्तों के साथ मिलकर खूब खर्च कर रहा है। वे लोग 10 और 20 रुपये के नोटों में सारा खर्च कर रहे थे।' राफिक ने आगे बताया, 'कुछ लोग तो यह भी कह रहे थे कि चारों गुल्लक में रखा पैसा इस्तेमाल कर रहे हैं। फिर हमने शुक्रवार को पूछताछ के लिए नासिर को बुलाया। उसने अपना अपराध कबूल कर लिया है।'

जिस SBI शाखा से इन चारों ने पैसे लूटे, उसने 19 नवंबर को अपने ग्राहकों से कहा था कि उनके यहां नकद पैसा खत्म हो गया है। बैंक की ओर से बताया गया था कि उसी दिन और पैसा आने वाला है। यह पैसा बैंक के पास देर राता आया, लेकिन इससे पहले कि अगली सुबह बैंक खुलता और लोगों को पैसे दिए जाते, नासिर सेंध लगाकर अपने दोस्तों के साथ बैंक में घुस गया और उसने पैसे चुरा लिए।

SP राफिक ने बताया, 'उन्होंने 10 रुपये के नोटों में 5 लाख रुपये चुराए और बाकी के 5 लाख 20 रुपये के नोटों में थे। हमने नासिर के पास से 50,000 बरामद कर लिया है। हमें वह कार भी मिल गई है जो उसने चोरी के पैसे से खरीदी थी। बाकी बचा पैसों बाकी के तीन आरोपियों के पास होना चाहिए। वे तीनों अभी फरार हैं। हमें पूरा भरोसा है कि उन्हें जल्द ही पकड़ लिया जाएगा। हम उनके पास से चोरी के पैसे भी बरामद कर लेंगे।'
 

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