उत्तर प्रदेश के महोबा मे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण मे मुस्लिम समुदाय की महिलाओं के लिए हक की बात की और उनको संविधान के मुताबिक अधिकार दिलाने की बात कही।
‘तीन तलाक’ के संवेदनशील मुद्दे पर पहली बार मोदी ने बोलते हुए कहा, अब हिंदुस्तान की मुस्लिम बहनों का जीवन बर्बाद नहीं होने देंगे जिनका फोन पर तीन बार तलाक सुनकर जीवन बर्बाद हो जाता है। लेकिन नरेंद्र मोदी को मुस्लिम महिलाओं की आड़ में राजनीति छोड़कर अपनी पत्नी जसोदा बैन की चिंता करनी चाहिए जो आज भी इंसाफ की हकदार हैं जो बिना तलाक के ही अपनी जिंदगी वनवास में काट रहीं है।
जिस शख्स को वह अपना ‘पति’ कहती हैं वो भारत का प्रधानमंत्री है, लेकिन 62 वर्षीय रिटायर्ड स्कूल टीचर जशोदाबेन राजनीति की उठापटक से कोसों दूर सन्नाटे में जिंदगी बसर कर रही हैं और उनका जीवन त्याग की मिसाल बन चुका है। नरेंद्र मोदी से जब उनकी शादी हुई, तो वह 17 बरस की थीं, तीन साल के बाद दोनों अलग हो गए। लेकिन उन्हे अब तक प्रधानमंत्री द्वारा एक पत्नी का अधिकार नहीं मिला। और इस बारे में प्रधानमंत्री मोदी ने अब तक कभी कुछ नहीं कहा।
यह गहरा राज़ है कि जशोदाबेन के बयानों के बावजूद मोदी इस मामले में अपना रुख साफ क्यों नहीं करते। यही सवाल लगातार ट्वीटर पर उठ रहा हैं। जिसमें नरेंद्र मोदी की मुस्लिम महिलाओं की अचानक जागी इस चिंता से ट्विटर यूर्जस पीएम मोदी की पत्नी जसोदा बैन के लिए ट्विटर पर इंसाफ की मुहिम छेड़ दी है, और सोशल मीडिया पर लगातार सवाल उठ रहे हैं कि मुस्लिम महिलाओं के लिए इंसाफ की बात करने वाले मोदी अपनी पत्नी को इंसाफ क्यों नहीं दिलाते।
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