नया भारत बनाने की लड़ाई इस समय देश के विश्वविद्यालयों में लड़ी जा रही है।
क्योंकि एकलव्य ने द्रोणाचार्य से कह दिया है कि अँगूठा नहीं दूँगा। तुम बदमाश हो।
सैंकड़ों संगठन JNU के SC, ST, OBC और माइनॉरिटी के छात्रों के साथ एकजुटता दिखा रहे हैं।
यह आवाज़ नागपुर से आ रही है। दीक्षा भूमि से।
RSS को ये खेल बहुत महँगा पड़ेगा।
JNU में SC, ST, OBC माइनॉरिटी के छात्रों पर यूनिवर्सिटी प्रशासन द्वारा किए गए हमले के खिलाफ बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का बयान:
"JNU में दलित-बहुजन छात्रों पर Vice Chancellor की दमनात्मक कारवाई से भाजपा और संघ का असली घिनौना चरित्र उजागर हो गया है। दलित-बहुजन छात्र लोकतांत्रिक तरीके से अपने हकूक के लिए संघर्ष कर रहे हैं। जेएनयु को इलीट मनुवाद का अड्डा बनाने की साज़िश बेनकाब होनी चाहिए।
मैं माँग करता हूँ कि छात्रों का निलंबन तुरन्त वापस लिया जाए।
हम सब जानते है कि सामाजिक न्याय और प्रगतिशील विचारों से संघ और भाजपा का वैमनष्य पुराना है। वीसी को JNU जैसे प्रगतिशील संस्थान में मनुवादी-सामंतवाद और दक्षिणपंथी अधिनायकवाद के हाथ की कठ्पुतली ना बनकर छात्रों की मांगों को स्वीकार करना चाहिए।"
JNU से निकाले गए इन रिसर्च स्कॉलर्स में अगर कोई ब्राह्मण या भूमिहार होता तो इस समय वह TV चैनलों में पैनल डिस्कशन में हिस्सा ले रहा होता।
चैनलों के हिसाब से अभी जो निकाले गए हैं, उनमें वह "ख़ास बात" है ही नहीं।
भारत दरअसल जातीय गिरोहों का जमावड़ा है। इसलिए बाबा साहेब ने भारत को "Nation in the making" लिखा है।
पढिए बाबा साहेब का संविधान सभा में भाषण। 26 नवंबर, 1949.
ये फुले, शाहू, बाबा साहेब की संतानें हैं।
यह संविधान की फ़सल है
संविधान में मिले अधिकारों की वजह से ये एमफिल और पीएचडी कर रहे हैं। वरना शास्त्रों के हिसाब से तो उन्हें दूध दुहना, खेती करना, बर्तन बनाना, चमड़ा उतारना था।
पहले चंद लोगों का शिक्षा पर, गुरुकुलों में 100% आरक्षण था। संविधान ने उस आरक्षण को ख़त्म कर दिया है।
इसलिए RSS इतना बौखलाया हुआ है।
शकील अंजुम।
सामाजिक न्याय की बुलंद आवाज़। अब JNU से निलंबित। वाइस चांसलर के आदेश पर SC, ST और OBC छात्रों के साथ इनका सामाजिक बहिष्कार।
Jnu से अब तक किनको निकाला गया है – 4 OBC, 2 SC, 1 आदिवासी, 1 मुसलमान। बाक़ी चार के नोटिस रास्ते में हैं।
वाइस चांसलर ने क्या ग़ज़ब दलित-बहुजन-माइनॉरिटी एकता बनाई है। इन्हें आपका समर्थन चाहिए।
JNU से एक चिंताजनक समाचार आ रहा है।
वहाँ के SC, OBC और माइनॉरिटी के 8 स्टूडेंट्स का सामाजिक बहिष्कार का आदेश जारी हुआ है। वे न तो हॉस्टल में रह पाएँगे, न लाइब्रेरी में पढ़ पाएँगे, न क्लास जा पाएँगे, न सेमिनार अटैंड कर पाएँगे।
बिल्कुल वही आदेश जो एक साल पहले ठीक इसी दिन रोहित वेमुला और उनके चार साथियों के खिलाफ जारी हुआ था।
इंटरव्यू का वेटेज घटाओ आंदोलन।