ओडिशा में पुलिस कर रही है आदिवासियों की नृशंस हत्या

फर्जी मुठभेड़ों की जांच टीम ने किया खुलासा

मामला हो दर्ज मामलाहत्यारी पुलिस के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 के तहत

एसआईटी से कराने की सिफारिशवाली निगरानी सुप्रीम कोर्ट की जांच की नरसंहार) कंधमाल (गुमुदामाहा

 
 

Joint Funeral-Timiri(R), Midiali(L)
 
Bullet Injured Tempo Mallick
 
Burial of Gehes Digal(2 years)
 
Funeral of Kukal Digal
 
Bullet Injured Gadisi Digal
 
Seized Bullet-Khoka by people
 
Press Meet by Joint Team
 
Luka-Father of deceased child Gehes at MKCG Medical
 
Joint Team at the spot
 
Meeting with the Villagers

 
भुवनेश्वर। ओडिशा में आदिवासियोंकी नृशंस हत्या जारी है। आदिवासियों के खून से खेली जा रही इस होली की पड़ताल करने वाली टीम (फैक्ट फाइंडिंग टीम)के राज्य प्रतिनिधियों का कहना है बीजू जनता दल और केंद्र की भाजपा सरकार मिल कर ओडिशा में विस्थापन और जनविरोधी विकास नीतियों का विरोध कर रहे जनसंघर्षों को कुचलने के लिए दमनकारी नीतियां अपनाती रही हैं। कभी ऑपरेशन ग्रीन हंट तो कभी माओवादियों के दमन के बहाने जन-आंदोलनों को दबाया जा रहा है। इन प्रतिनिधियों ने अपनी प्रेस रिलीज में कहा है- चिदंबरम से लेकर राजनाथ सिंह और रमन सिंह से लेकर नवीन पटनायक  तक- कोई भी इस दौड़ में पीछे नहीं है।

उद्योगपतियों को खुश करने और काशीपुर, कलिंगनगर, नारायणपटना, जगतसिंहपुर (पोस्को) और नियमगिरी में कॉरपोरेट हितों को बढ़ावा देने की होड़ में राज्य सरकार लगातार बेकसूर आदिवासियों, दलितों की हत्या कर रही है और हाशिये के लोगों की आवाज दबा रही है।

14  नवंबर, 2012 को कंधमाल जिले में बालीगुड़ा के जंगलों में फर्जी मुठभेड़ में पांच आदिवासियों और दलितों को मार दिया गया। इसके बाद, 26 जुलाई  2015 में सुरक्षा बलों की तलाशी अभियान के दौरान पंगलपुर गांव, कोटागढ़ की पहाड़ी में एक दंपत्ति की हत्या कर दी गई। उस वक्त यह दंपति अपने बेटे को फोन कर रहा था। इन नृशंस हत्याओं के खिलाफ इंसाफ की लड़ाई अब भी जारी है।

कंधमाल जिले में मौजूद बालीगुड़ा ब्लॉक  के गुमदुमुहा गांव के मारे गए पांचों बेकसूर मनरेगा मजदूर थे। 14 नवंबर 2012 के दिन ये लोग बालीगुड़ा के बैंक  से अपनी मजदूरी का पैसा लेकर लौट रहे थे कि अंधाधुंध फायरिंग ने गणेश दीगल के दो साल के बेटे की जान ले ली। जिस वक्त गोली लगी , वह अपनी मां की गोद में था। इसके साथ ही 50 साल के कुकल दीगल की भी मौत हो गई। चालीस साल के आसपास की तीन औरतें तिमीरी मल्लिक, ब्रिंगुली मल्लिक और मियादिली मल्लिक  भी गोलियों का निशाना बन गईं। मारे गए दो साल के बच्चे के पिता लुका दीगल और मां सुनीता, बनमाली मल्लिक, तेंबू मल्लिक (महिला), गिदिसी दीगल (महिला), सहालू मल्लिक और कजांति मल्लिक (महिला) गंभीर रूप से घायल हो गईं।
सरकार ने कैफियत दी कि पांचों लोगों की मौत पुलिस और माओवादियों बीच हुुई फायरिंग के दौरान हुई। जबकि स्थानीय चश्मदीदों ने इसे सफेद झूठ और क्रूर मजाक करार दिया ।

मामले की हकीकत पता करने आई टीम (फैक्ट फाइंडिंग टीम) का कहना है कि बिना वजह इस तरह की शर्मनाक फायरिंग और फिर बुरी तरह घायलों को अस्पताल न भेजने से लेकर माओवादियों के खिलाफ ऑपरेशन के नाम पर पैसे लूटने का आरोप लगा कर लोगों को धमकी देने जैसी करतूतों से सुरक्षा बल के लोग प्रमोशन पाने की होड़ में लगे हैं।

तथ्यों की पड़ताल करने वाली संयुक्त टीम का कहना है – एक तरफ राज्य सरकार यह दावा कर रही है कि उसने माओवादी समस्या को खत्म करने में कामयाबी हासिल कर ली है लेकिन दूसरी ओर केंद्र सरकार के पैसों की लूट के लिए वह तथाकथित विकास के नाम पर आदिवासियों को आतंकित रही है।

कंधमाल में इस फर्जी मुठभेड़ की जांच टीम और प्रतिनिधि दल में  कैंपेन अगेंस्ट फैब्रिकेटेड केसेज (सीएएफसी) और इंडियन सोशल एक्शन फोरम (इनसाफ) के राज्य संयोजक नरेंद्र मोहंती, सीपीआई (एमएल) – न्यू डेमोक्रेसी  के राज्य प्रवक्ता बालचंद्र सारंगी, इंडियन पीपुल्स फोरम  (एआईपीएफ) के महेंद्र परीदा और रेवनशॉ कॉलेज के पूर्व अध्यक्ष तपन मिश्रा शामिल थे। टीम ने राज्य सरकार और कंधमाल पुलिस के इस आपराधिक करतूत की कड़ी भत्र्सना की है। उसने इस संबंध में कई कदम उठाने की मांग की है-

1. हत्याकांडों की जांच के लिए एसआईटी बने और सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में न्यायिक जांच हो।
2. फर्जी मुठभेड़ों में शामिल कंधमाल के एसप और अन्य पुलिसकर्मियों को तुरंत निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ धारा 302 के तहत मामला दर्ज हो। 
3. मारे गए हर शख्स के परिजनों को 50-50 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।
4. माओवादियों के नाम पर आम लोगों का दमन करने और आतंकित करने वाले सभी अद्र्धसैनिक बलों और सुरक्षा बलों को हटाया जाए।

नरेंद्र मोहंती, बालचंद्र सारंगी, महेंद्र परीदा, तपन मिश्रा। 
मोबाइल: ९४३७४२६६४७/९४३७१६६३९१/९४३७१०६१७४/८६५८११४४४४
 

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