नोएडा का अख़लाक़ मामला तो याद होगा आपको जिसे गुजरे पूरा एक अरसा बीत चुका है। फ्रीज में गौमांस मिलने के शक भर से भीड़ ने मोहम्मद अख़लाक़ को पीट-पीट कर मार डाला और बेटा भी बुरी तरह से घायल हुआ था। लेकिन अभी तक परिवार को उस मामले में किसी तरह का कोई न्याय नहीं मिल पाया है।
उलटे इस मामले में थाना जारचा में शुक्रवार को अखलाक के परिवार के लोगों के खिलाफ गोहत्या मामले में आईपीसी की धारा 3/8 और 3/11 के तहत एफआईआर दर्ज कर ली गई। अदालत के आदेश पर जारचा कोतवाली पुलिस ने अखलाक के परिवार के सदस्यों- मां असगरी, पत्नी इकरामन, बेटे दानिश, बेटी साहिस्ता, भाभी सोना, छोटे भाई जान मोहम्मद के खिलाफ गोहत्या निवारण अधिनियम और पशुक्रूरता निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
बिसहड़ा के ग्रामीण सूरजपाल ने मथुरा की फोरेंसिक रिपोर्ट में बीफ की पुष्टि होने के बाद कोर्ट में 156(3) सीआरपीसी के तहत याचिका दर्ज कराई थी। एक महीने तक चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने गुरुवार को अखलाख परिवार के खिलाफ गोहत्या का मामला दर्ज करने का आदेश दिया था।
इस पूरे विवाद पर भाजपा सरकार की बहुत किरकिरी हुई थी खासकर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की सोशल मीडिया पर जमकर इस बात की आलोचना हुई थी की उन्होंने इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं कहा और अपने विदेश दौरों में साम्प्रदायिक सौहार्द की बात करते रहे तथा भारत को बुद्ध की धरती बताते रहे।