PPF समेत इन योजनाओं की छोटी बचत की ब्याज दरों में कटौती की तैयारी


Image Courtesy:Indian Express

नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद सारे देश को लाइन में लगाने के बाद केंद्र सरकार ने अब छोटी- छोटी बजत पर नजर गढ़ा दी है। ईपीएफ के ब्याज दर में कटौती के बाद अब सरकार छोटी बचत योजनाओं पीपीएफ, किसान विकास पत्र, सुकन्या समृद्घि अकाउंट और सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में मिलने वाले ब्याज दरों में कटौती कर सकती है। 

सरकार जनवरी-मार्च तिमाही के लिए नए ब्याज दरें घटा सकती है। गौरतलब है कि इस हफ्ते की शुरुआत में सरकार ने ईपीएफ पर मिलने वाली ब्याज दर को घटा दिया था। वित्त वर्ष 2016-17 के लिए कर्मचारी भविष्य निधि पर मिलने वाले ब्याज दर को 8.8 से घटाकर 8.65 फीसदी कर दिया गया था। वर्तमान में पीपीएफ पर 8 प्रतिशत का ब्याज मिलता है।
 
गोपीनाथ कमेटी की ओर से सरकार को सौंपी गई रिपोर्ट में छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरें घटाने की सिफारिश की गई है। श्यामला गोपीनाथ कमेटी ने सुझाव दिया है कि इन सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों को सरकार के बॉन्ड से मिलने वाले रिटर्न से जोड़ दिया जाए। 
 
कहा जा रहा है कि अगर सरकार कमेटी की सिफारिशों को मान लेती है तो ब्याज दरों में करीब एक फीसदी तक की कमी हो सकती है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि नोटबंदी के चलते सरकार इतनी बड़ी कटौती नहीं करेगी। माना जा रहा है कि सरकार 20 से 25 प्रतिशत की कमी कर सकती है।
 
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने 19 दिसंबर को ईपीएफ खातों में जमा राशि पर चालू वित्त वर्ष के लिए ब्याज दर को घटाकर 8.65% कर दिया था। वहीं ईपीएफओ ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपनी कमाई का आकलन किया। ईपीएफओ ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए 39, 083 करोड़ रुपये की कमाई होने का अनुमान लगाया है। 
 
ईपीएफओ के 31, मार्च 2016 के आकंड़ों के मुताबिक 3,76,22,440 सदस्य, ईपीएफ में अपना योगदान कर रहे हैं। वित्त मंत्रालय ने इसी साल ईपीएफ पर ब्याज दर को 2015-16 के लिए घटाकर 8.7 प्रतिशत कर दिया था जबकि केंद्रीय न्यासी बोर्ड ने 8.8 प्रतिशत को मंजूरी दी थी। ट्रेड यूनियनों के विरोध के बाद मंत्रालय ने अपना फैसला वापस ले लिया था।
 

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