शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ से जब पूछा गया कि शहीद निंब सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट जा रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री नहीं जा रही है। इस पर सराफ ने कहा कि सचिन पायलट के पास कोई काम नहीं है और वे फ्री है। मुख्यमंत्री के पास सैंकडों काम होते है।
जयपुर।
जम्मू कश्मीर में आंतकी हमले में शहीद हुए प्रदेश के निंब सिंह की शहादत पर राजनीतिक सियासत शुरू हो गई है। मंगलवार को भाजपा मुख्यालय पर हुई जन सुनवाई में शिक्षा मंत्री कालीचरण सराफ से जब पूछा गया कि शहीद निंब सिंह के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट जा रहे हैं लेकिन मुख्यमंत्री नहीं जा रही है। इस पर सराफ ने कहा कि सचिन पायलट के पास कोई काम नहीं है और वे फ्री है। मुख्यमंत्री के पास सैंकडों काम होते है।
सराफ ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से कांग्रेस पूछे कि वे कितने शहीदों के अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उन्होंने कहा कि शहीद के अंमित संस्कार में सरकार की मंत्री किरण माहेश्वरी शामिल हुई हैं और वे एक तरह से मुख्यमंत्री की प्रतिनिधि ही है। मामले को कांग्रेस वेबजह तूल दे रही है।
वहीं खादय सुरक्षा कानून पर पूर्व मुख्यमत्री अशोक गहलोत के बयान पर पलटवार करते हुए खाद्य मंत्री हेमसिंह भडाना ने कहा कि गहलोत बुद्धिजीवियों की तरह बात करें। हमने पात्र लोगों को ही इस कानून के तहत शामिल किया है। अपात्र लोगों को हटा कर पात्र लोगों को फायदा पहुंचाया है। हमारी पॉस मशीन मॉडल को पूरे देश में सराहा गया है।
जनसुनवाई में वन व पर्यावरण मंत्री राजकुमार रिणवा से पूछा गया कि अभी तक खानों की नीलामी नहीं हो सकी है और सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है तो रिणवा ने कहा कि पूरे देश में मंदी का दौर है। पूरे देश में ही महज सात खानों की नीलामी हुई है। हमारे प्रदेश में भी दो तीन खानों की नीलामी से कुछ राजस्व प्राप्त हुहा है। हमने 21 हजार से अधिक खानों को पर्यावरण क्लीयरेंस दिला कर एक रिकार्ड बनाया है।
साभार – राजस्थान पत्रिका