रांची में आदिवासियों की आक्रोश रैली : पुलिस फायरिंग में एक आदिवासी की मौत

झारखंड में एसपीटी-सीएनपी अध्यादेश के विरोध में आदिवासियों की राँची आक्रोश रैली को रोकने की पुलिस की कोशिश के बाद भारी बवाल हुआ है। पुलिस की फायरिंग में एक ग्रामीण अब्राहम मुंडू की मौत हो जाने और तीन के घायल होने के बाद गुस्साए आदिवासियों की पुलिस के साथ तेज झड़प हुई।

Adivasi Protest
Image: Punjab Tribune

रांची के मोरहाबादी मैदान में होने वाली इस रैली के लिए आदिवासियों को पुलिस ने खूंटी में रोकने की कोशिश की और उनके साथ मारपीट की जिसके बाद आदिवासी भड़क उठे।

झारखंड पुलिस के आईजी एमएस भाटिया ने हथियारबंद आदिवासियों पर ही पुलिस पर हमला करने का आरोप लगाया है। पुलिक के मुताबिक नाराज आदिवासियों ने खूंटी के एएसपी ऑपरेशन अनुराग राज, डीएसपी हेडक्वार्टर विजय आनंद लागुनी, उनके बॉडीगार्ड और अड़की के थाना प्रभारी हरदेव प्रसाद बंधक भी बनाया।

इस दौरान हुई झड़प में डीएसपी विजय आनंद के हाथ में फ्रैक्चर आया है। उनके बॉडीगार्ड नागेंद्र शर्मा के सिर पर भी गंभीर चोट आई है। पुलिस के सात जवान घायल हुए हैं। सभी घायलों का राँची में रिम्स में इलाज चल रहा है।

घटना के बाद खूंटी में बाजार बंद है। खूंटी शहर में भी गांववालों ने जबरदस्त हंगामा किया है।

साइको जाने के लिए निकले खूंटी के डिप्टी कमिश्नर और एसपी अनीश गुप्ता को ग्रामीणों ने नहीं जाने दिया।  इस घटना के बाद इलाके में एक्स्ट्रा फोर्स लगाई गई है। रांची डीआईजी अपनी टीम के साथ मौके पर हैं।

आदिवासियों का कहना है कि रैली को फ्लॉप करने के लिए पुलिस  ने पूरा जोर लगाया और जगह-जगह आदिवासियों को रोकना और मारना-पीटना शुरू कर दिया जिसके बाद ये बवाल हुआ।
 
इसके पहले अक्टूबर में ही एसपीटी-सीएनपी एक्ट में संशोधन की मांग को लेकर धरना दे रहे आदिवासियों पर पुलिस की फायरिंग में चार ग्रामीण मारे गए थे।
 
 

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