चेन्नई के एक थिएटर में राष्ट्रगान बजने के दौरान शहर के एक थिएटर में कुछ लोग खड़े नहीं हो सके जिस कारण थिऐटर में मारपीट हो गई।
रविवार को ‘चेन्नई 28-II’ फिल्म से पहले चलाए गए राष्ट्रगान के समय कुछ लोग सम्मान में खड़े नहीं हुए। इसमें 20 लोगों के एक ग्रुप ने दो लड़कियों और एक युवक को बुरी तरह पीट दिया। मारपीट इंटरवल के दौरान हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि राष्ट्रगान के दौरान ऐसे नौ लोग थे जो खड़े नहीं हुए थे।
जनसत्ता की खबर के अनुसार, जानकारी के मुताबिक, एक फ्रीलांस मूवी रिव्यू करने वाले विजी फिल्म देखने गए थे, लेकिन वह राष्ट्रगान के दौरान खड़े नहीं हुए। इंटरवल में विजयकुमार नाम के व्यक्ति ने विजी का गिरेबान पकड़ के पूछा कि वह क्यों खड़ा नहीं हुआ था। इसके बाद बहस हुई जो मारपीट में बदल गई। 20 लोगों के एक ग्रुप ने विजी और दो अन्य महिलाओं सबरीता और शरीला की पिटाई की।
कानून की पढ़ाई कर रहीं शरीला ने कहा, “हमें प्रताड़ित किया गया और मारपीट की गई। उन्होंने हमें जान से मारने की घमकी भी दी। हमारे उद्देश्य राष्ट्रगान का अपमान करना नहीं था।” वहीं, सिविल सर्विस की तैयारी कर रहे विजयकुमार ने कहा, “जब राष्ट्रगान बजाया जा रहा था तब वो लोग सेल्फी ले रहे थे। इस बात का बुरा सिर्फ मुझे ही नहीं, दूसरे कई लोगों को लगा।
गौरतलब है कि 30 नवंबर को राष्ट्रगान पर सुप्रीम कोर्ट का अहम आदेश दिया था। आदेश में कहा गया था कि सभी सिनेमा घरों में फिल्म के शुरू होने से पहले राष्ट्रगान चलवाना होगा। इसके अलावा राष्ट्रगान के वक्त स्क्रीन पर तिरंगा भी दिखाना होगा। इसके अलावा कोर्ट ने कहा था कि हॉल में मौजूद दर्शकों को इस दौरान खड़ा होना भी अनिवार्य है। राष्ट्रगान बजाने की जनहित याचिका श्याम नारायण चौकसे नाम के शख्स ने डाली थी।
Courtesy: Janta Ka Reporter