नई दिल्ली। नोटबंदी का सबसे बुरा असर टेक्सटाइल व गारमेंट सैक्टर पर पड़ा है। कैश की कमी के कारण कारोबारियों ने प्रोडक्शन को कुछ समय के लिए बंद व कम कर दिया है और इसका सीधा असर डेली वेज पर काम करने वाले लोगों की नौकरियों पर पड़ा है।
कंपनियो ने प्रोडक्शन कम करने के लिए कर्मचारियों को कुछ समय के लिए हटा भी दिया है। फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल के अजय सहाय का कहना है कि कैश क्राइसिस के कारण प्रोडक्शन कम रहने के बारे में पहले ही कॉमर्स और इंडस्ट्री मिनिस्टर निर्मला सीतारमन आगाह कर दिया था।
वही इंजीनियरियंग एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के मुताबिक, कुछ लेबर, बैंक के जरिए डायरेक्ट पेमेंट लेने से मना कर रहे हैं। हालांकि, उनके पास बैंक अकाउंट है। मगर उन्हें साल में 50,000 रुपए से ज्यादा खाते में दिखने का भी डर सता रहा है क्योंकि साल का 50,000 से ज्यादा खाते में दिखने से उन्हें ‘गरीबी रेखा से नीचे’ का स्टेटस छिन जाएगा। इससे उन्हें मिलने वाले सरकारी बेनेफिट खत्म हो जाएंगे और इसी वजह से कुछ लेबर काम भी छोड़ रही है।
आप को बता दे कि देश में कृषि के बाद टेक्सटाइल और गारमेंट सेक्टर से सबसे अधिक लोग जुड़े हुए है, नोटबंदी के बाद पैसे की कमी और नौकरी जाने की वजह से इनकी जीविका पर बहुत अधिक असर पड़ा है।
Courtesy: National Dastak