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Tag: Anita Bharti
मुजफ्फनगर से लौटने के बाद… रुखसाना का घर..
1. सोचती हूँ मैं क्या तुम्हें कभी भूल पाउंगी रुखसाना तुम्हारी आँखों की गहराई में झांकते सवाल तुम्हारे निर्दोष गाल पर आकर ठहरा आंसू का एक टुकड़ा बात करते-करते अचानक कुछ याद कर भय से काँपता...
विद्रोह की मशाल से समाज को रोशनी – कवियित्री भी थी सावित्री बाई फुले
यह जानकर गहरा आश्चर्य होता है कि 18 वीं...