JNU Students Hunger Strike | SabrangIndia News Related to Human Rights Wed, 25 Jan 2017 08:15:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.2.2 https://sabrangindia.in/wp-content/uploads/2023/06/Favicon_0.png JNU Students Hunger Strike | SabrangIndia 32 32 उर्मिलेश का सपना और JNU के बाबा https://sabrangindia.in/uramailaesa-kaa-sapanaa-aura-jnu-kae-baabaa/ Wed, 25 Jan 2017 08:15:37 +0000 http://localhost/sabrangv4/2017/01/25/uramailaesa-kaa-sapanaa-aura-jnu-kae-baabaa/ जब से अपने बनारस और डेहरी आन सोन के भ्रमण से लौटा हूं, JNU का ताजा प्रकरण दिमाग में लगातार मंडरा रहा है। शायद, इसीलिए वह मेरे सपनों में भी मेरे साथ बना रहता है। बीती रात सपने में Jnu गया। वहांv एक बाबा-नुमा चरित्र मिल गये। लाइब्रेरी भवन के ठीक सामने। मैं जवाहर बुक […]

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जब से अपने बनारस और डेहरी आन सोन के भ्रमण से लौटा हूं, JNU का ताजा प्रकरण दिमाग में लगातार मंडरा रहा है। शायद, इसीलिए वह मेरे सपनों में भी मेरे साथ बना रहता है। बीती रात सपने में Jnu गया। वहांv एक बाबा-नुमा चरित्र मिल गये।

JNU

लाइब्रेरी भवन के ठीक सामने। मैं जवाहर बुक स्टाल की तरफ जा रहा था। वह रास्ते में खड़े थे। मुझे इंगित कर कहा, 'तुम यहाँ क्या कर रहे हो?' मैने कहा, 'बाबा, मैं यूं ही आ गया, कैंपस का हालचाल जानने।' उन्होंने मुस्कराते हुए कहा, 'चलो कुछ समय यहां आकर हाल चाल जान लो, कुछ दिनों बाद यह सब तुम जैसों के लिए निषिद्ध क्षेत्र हो जायेगा!' मैने तनिक नाराजगी जाहिर करते हुए पूछा, 'यह कैसे बाबा? मैं तो यहां का पूर्व छात्र हूं, अपने विश्वविद्यालय में आने से मुझे भला कोई कैसे रोक सकता है?'

बाबा ने फिर मुस्कराते हुए कहा, 'यही तो मैं बता रहा हूँ, अब यह हम जैसों का विश्वविद्यालय बनने वाला है, तुम्हारा वाला खत्म हो जायेगा।' मैने प्रतिवाद करना चाहा, 'बाबा आपकी बातें मुझे समझ में नहीं आ रही हैं। क्या नया कुछ करेंगे यहा?' उन्होंने असल बात अब बताई, 'देखो दो-तीन साल बाद यहां एक देशभक्त किस्म का विश्वविद्यालय बनेगा। नाम कुछ भी हो सकता है: नेशनल विश्वविद्यालय या सावरकर विश्वविद्यालय या केशव विश्वविद्यालय या याज्ञवल्क्य विश्वविद्यालय या पतंजलि विश्वविद्यालय! इसके कुलपति, कुलाधिपति, अनुशासन अधिकारी और प्राचार्य आदि संत, सिद्ध बाबा, विद्वान योगी, श्रेष्ठ शास्त्र ज्ञाता होंगे। हर विषय की पढ़ाई होगी पर बिल्कुल द्रोणाचार्य के आश्रम जैसी पवित्र और शुद्ध प्राचीन पद्धति से।' उत्सुकता वश मैंने पूछा, 'इसका मतलब तब यहां आम घरों के छात्र नहीं पढ़ सकेंगे, सिर्फ कुछ ही वर्ण के लोग प्रवेश पा सकेंगे ?' मेरा यह सवाल सुनते ही बाबा गुस्से में आ गये:'सारी बातें अभी बता दूं तेरे को!' और यह कह कर बाबा अंतरध्यान हो गये। फिर मैं प्रशासनिक ब्लाक में गया तो देखा, वहां मौखिक परीक्षा(वाइवा) में 100 फीसद के प्रस्तावित प्रावधान के खिलाफ चारों तरफ पोस्टर लगे हैं। वीसी के आदेश पर कुछ लोग उन पोस्टरों को वहां से हटा रहे हैं। मेरा सपना टूट गया था। अब सचमुच JNU जाने की तैयारी कर रहा हूं। अपने विश्वविद्यालय का हालचाल जानने।

From the facebook of Urmilesh Urmil

 

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जेएनयू छात्र दिलीप यादव के समर्थन में आए लोगों का सोशल मीडिया पर फूटा गुस्सा https://sabrangindia.in/jaeenayauu-chaatara-dailaipa-yaadava-kae-samarathana-maen-ae-laogaon-kaa-saosala-maidaiyaa/ Mon, 23 Jan 2017 09:48:52 +0000 http://localhost/sabrangv4/2017/01/23/jaeenayauu-chaatara-dailaipa-yaadava-kae-samarathana-maen-ae-laogaon-kaa-saosala-maidaiyaa/ नई दिल्ली। जवाहलाल लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अनशन पर बैठे छात्र दिलीप की हालत रात से काफी ज्यादा खराब हो चली है। डॉक्टर ने उनको बात करने से और जल्द से जल्द भूख हड़ताल खत्म करने को कहा है। डॉक्टर के अनुसार अगर दिलीप ने भूख हड़ताल खत्म नहीं की तो उनकी किडनी को खतरा […]

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नई दिल्ली। जवाहलाल लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में अनशन पर बैठे छात्र दिलीप की हालत रात से काफी ज्यादा खराब हो चली है। डॉक्टर ने उनको बात करने से और जल्द से जल्द भूख हड़ताल खत्म करने को कहा है। डॉक्टर के अनुसार अगर दिलीप ने भूख हड़ताल खत्म नहीं की तो उनकी किडनी को खतरा हो सकता है। लेकिन डॉक्टर की बात को ना मानते हुए दिलीप ने अपना अनशन जारी रखा हुआ है। 

JNU

दिलीप मंडल ने लिखा कि वाइवा के मार्क्स को 100 नम्बर से घटा कर 15 नम्बर करने की मांग के साथ Dileep Yadav पिछले तीन दिनों से भूख-हड़ताल पर हैं। उनका ब्लेड प्रेशर घट कर 96 हो गया है। पेशाब में खून आना शुरू हो गया है। उल्टी जारी है। डॉक्टर ने कहा है कि अब भी अनशन जारी रहा तो किडनी पर खतरा है। प्रशासन ने एंबुलेंस सामने खड़ा कर रखा है। लेकिन दिलीप अडिग हैं। उन्होंने कहा कि मैं अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए जेएनयू आने का दरवाजा बंद नहीं होने दूंगा। जब तक प्रशासन मेरी बात नहीं मान लेती मैं अन्न जल ग्रहण नहीं करूंगा।
 
दिलीप को मनाने पहुंचे डीन और रजिस्ट्रार ने कोई ठोस आश्वासन तो नहीं दिया लेकिन पानी पीने का आग्रह बार-बार किया। उन्होंने शालीनता से मना किया और कहा कि सर हमलोगों को सदियों से भूखे-प्यासे रहने की आदत है। जान की दुहाई दिये जाने पर भी दिलीप अपनी बात पर कायम रहे कहा मुद्दा महत्वपूर्ण है जान नहीं। उड़ती खबर यहां तक थी कि प्रशासन पुलिस की मदद से दिलीप को अस्पताल ले जा सकती है। देर रात तक छात्रों का हुजूम दिलीप के समर्थन में अलाव जलाकर डटा था। अब कल वीसी से बातचीत का इंतजार है। सोशल मीडिया पर पूरे देश से दिलीप को समर्थन मिल रहा है। जेएनयू एकजुट है। देश को दूसरा रोहित बेमुला नहीं चाहिए।
 
आंबेडकर फुला मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. ओम सुधा ने जेएनयू में अनशन पर बैठे छात्र दिलीप यादव की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा है कि…

ये अकेला क्यों बैठा है ? मैं आपको खोज रहा हूँ । इस देश की 85 फीसदी बहुजन आबादी को । आपको यहाँ होना चाहिए क्योंकि दिलीप कुमार की लड़ाई देश के 85 फीसदी बहुजन की लड़ाई है । अपने शहर, अपने कसबे अपने मोहल्ले, यूनिवर्सिटी, कॉलेज , होस्टल जहाँ कहीं भी हैं वही दिलीप यादव के समर्थन में प्रदर्शन करिये, लिखिए, बोलिये, सोचिये । आपको सोचना चाहिए, लिखना चाहिए, बोलना चाहिए ! मुर्दे ये सब नहीं कर सकते।
 
न्याय मंच से जुड़े डॉ. मुकेश कुमार लिखते है कि छात्र नेताओं ने कहा कि अब नजीब और दिलीप यादव की लड़ाई को बिहार के धरती से इंसाफ़ मिलेगा। सामाजिक न्याय संघर्ष मंच के संयोजक प्रभात यादव ने कहा कि बीजेपी के विरोध में यूपी के चुनाव में कैम्पेन किया जाएगा और संघ के चरित्र का उजागर किया जाएगा। वहीं अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से आये छात्र अब्दुल फ़रह शाजकी JNU के छात्र नजीब अहमद और दिलीप यादव के समर्थन में एक दिवसीय धरना को संबोधित करते हुए जेएनयूएसयू के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार पर तंज़ कसते हुए कहा कि जेएनयू में सामाजिक न्याय की लड़ाई से उन्होंने भी किनारा कर लिया है। छात्र नेताओं ने कहा कि देश की राजधानी के केंद्रीय विश्वविद्यालय में सामाजिक आधार पर भेदभाव जारी है और जब दलित-वंचित तबके के छात्र इसे रोकने की मांग कर रहे हैं तो उसे दबाया जा रहा है
 
छात्रा अंजलि ने जेएनयू के कथित क्रांतिकारियों पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि साथी आपकी प्रगतिशीलता की नाप-जोख; निर्णायक लड़ाइयों में आपका पक्ष क्या है इससे तय होगी… देख लीजिये कहाँ खड़े है आप! जहाँ पिछली बार खड़े थे वहीं है मुर्दों की तरह या जिंदगी और मानवता के बीज अंकुरित होने की सम्भावना है इस बार…

झूठ-मूठ के सामाजिक न्याय का करो बहिष्कार! अब चाहिए सचमुच का सामाजिक न्याय!
 
आपको बता दें कि बहुजन छात्र दिलीप ने विश्वविदयालय में छात्र नजीब के गुमशुदगी के 100 दिन पूरे होने, एमफिल और पीएचडी में साक्षात्कार के अंक कम करने तथा निलंबन पूरी तरह से वापस लेने की मांग की है।

Courtesy: National Dastak

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