Justice TS Thakur | SabrangIndia News Related to Human Rights Wed, 04 Jan 2017 07:00:37 +0000 en-US hourly 1 https://wordpress.org/?v=6.2.2 https://sabrangindia.in/wp-content/uploads/2023/06/Favicon_0.png Justice TS Thakur | SabrangIndia 32 32 पूर्व सीजेआई टीएस ठाकुर ने विदाई भाषण में लंबित मामलों और न्यायाधीशों की कमी पर जताई निराशा https://sabrangindia.in/pauurava-saijaeai-taiesa-thaakaura-nae-vaidaai-bhaasana-maen-lanbaita-maamalaon-aura/ Wed, 04 Jan 2017 07:00:37 +0000 http://localhost/sabrangv4/2017/01/04/pauurava-saijaeai-taiesa-thaakaura-nae-vaidaai-bhaasana-maen-lanbaita-maamalaon-aura/ टीएस ठाकुर ने एक बार फिर लंबित मामल की बढती संख्या के बीच न्यायाधीशों की कमी पर चिंता जताई और न्यायपालिका से भविष्य में चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो कि राष्ट्र एक समग्र समाज बना रहे। करीब एक साल 43वें प्रधान न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति ठाकुर ने शीर्ष अदालत […]

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टीएस ठाकुर ने एक बार फिर लंबित मामल की बढती संख्या के बीच न्यायाधीशों की कमी पर चिंता जताई और न्यायपालिका से भविष्य में चुनौतियों के लिए तैयार रहने का आह्वान किया ताकि यह सुनिश्चित हो कि राष्ट्र एक समग्र समाज बना रहे।

करीब एक साल 43वें प्रधान न्यायाधीश रहे न्यायमूर्ति ठाकुर ने शीर्ष अदालत परिसर में अपने विदाई भाषण में कई मुद्दों को छुआ और कहा कि देशभर की अदालतों में करीब तीन करोड़ मामले लंबित हैं और न्यायाधीशों की कमी को देखते हुए इस मुद्दे से निपणुता से निपटा जाना चाहिए।

टीएस ठाकुर

 

उन्होंने कहा, वर्तमान में बहुत चुनौतियां हैं। हमारे सामने तीन करोड़ मामले हैं। हमारे सामने आधारभूत ढांचे की समस्याएं हैं। हमारे सामने न्यायाधीशों की संख्या कम होने की समस्या है। लेकिन कृपया याद रखिए, हमारे सामने भविष्य में और बड़ी चुनौतियां होंगी और इसके लिए हमें तैयार होना होगा।

मामलों के उभरते क्षेत्रों की बात करते हुए सीजेआई ने कहा, आपके सामने आगामी समय मंे बहुत बहुत गंभीर समस्याएं होंगी जो वर्तमान से बहुत दूर नहीं हैं। आपके सामने साइबर कानूनों, चिकित्सा, विधि मामले, जैनेटिक एवं निजता आदि से जुड़े मुद्दे होंगे।

उन्होंने भारत के आर्थिक शक्ति के रूप में पुनरूत्थान को रेखांकित किया लेकिन कहा कि राष्ट्र तब तक प्रगति नहीं कर सकता जब तक न्यायपालिका उन चुनौतियों से निपटने को तैयार नहीं हो जो विकास एवं प्रगति के साथ आती हैं।
 

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